संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के दौरा एरीज की देवस्थल वेधशाला में एस. के. जोशी विज्ञान केंद्र का उद्घाटन।

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यह उद्घाटन संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व अंतरिक्ष सप्ताह के दौरान हुआ है जो हर साल 4-10 अक्टूबर के दौरान मनाया जाता है।

The inauguration coincides with the world space week which is celebrated every year during 4-10 October as declared by United Nations.

एरीज की देवस्थल वेधशाला में एस. के. जोशी विज्ञान केंद्र का उद्घाटनअत्यंत हर्ष के साथ नैनीताल, उत्तराखंड स्थित एरीज अपने देवस्थल वेधशाला परिसर में एक नए विज्ञान केंद्र के उद्घाटन की घोषणा करता है। इस केंद्र का नाम पद्म भूषण स्वर्गीय प्रो श्री कृष्ण जोशी के सम्मान में रखा गया है, जिन्होंने 2013-2016 और 2018-19 के दौरान एरीज की शाशी परिषद की अध्यक्षता की थी।

देवस्थल वेधशाला में भारत के 2 सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलीस्कोप, 4 मीटर अंतर्राष्ट्रीय तरल दर्पण टेलीस्कोप (आईएलएमटी) और 3.6 मीटर देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (डॉट) कार्यरत हैं।विज्ञान केंद्र का उद्घाटन 9 अक्टूबर, 2023 को इसरो के पूर्व अध्यक्ष और एरीज की शाशी निकाय के वर्तमान अध्यक्ष श्री ए.एस. किरण कुमार द्वारा शाशी निकाय के अन्य सदस्यों, जो देश के विभिन्न अन्य संस्थानों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं, की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर एरीज के निदेशक प्रो दीपांकर बनर्जी और अन्य वैज्ञानिक और इंजीनियर भी उपस्थित थे।

प्रो एस.के. जोशी ने शाशी परिषद के अध्यक्ष के रूप में 3.6 मीटर डॉट टेलीस्कोप, जो कुमाऊं में स्थित एक राष्ट्रीय सुविधा है, की स्थापना में कई तकनीकी एवं प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने के लिए जबरदस्त प्रयास और शासन रणनीतियाँ अपनाईं। एरीज ने संस्थान के विकास में उनके योगदान के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु प्रो जोशी की स्मृति में देवस्थल के विज्ञान केंद्र का नामकरण किया है। उन्हें देवस्थल से विशेष लगाव था क्योंकि यह स्थान उत्तराखंड के कुमाऊं में उनके जन्मस्थान अनर्पा के पास है।प्रो बनर्जी ने बताया कि एस.के. जोशी विज्ञान केंद्र की स्थापना बड़े टेलीस्कोपों के प्रति आम जनता की जिज्ञासा को पूरा करने के लिए की गई है।

इससे लोगों की विज्ञान में रूचि भी बढ़ेगी। एरीज में जनसंपर्क की अध्यक्ष डॉ. कुंतल मिश्राम ने बताया कि हालांकि जनता के लिए बड़े टेलीस्कोपों को पास तक जाकर व्यक्तिगत रूप से देखना संभव नहीं है क्योंकि वे संवेदनशील विज्ञान उपकरण हैं, यह विज्ञान केंद्र जनता और छात्रों सभी के लिए बनाया गया है। संस्थान की जनसंपर्क गतिविधियों का आयोजन करने वाले डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि लोग 28 अक्टूबर से हर शनिवार को इस केंद्र का दौरा कर टेलीस्कोप, एरीज और खगोल विज्ञान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

केंद्र में तारों को देखने के लिए एक छोटी दूरबीन भी होगी। कुछ समय बाद यह विज्ञान केंद्र सप्ताह में एक से अधिक दिनों पर खुला होगा।

अधिक जानकारी के लिए डॉ. वीरेंद्र यादव से virender@aries.res.in पर ईमेल द्वारा संपर्क किया जा सकता है।

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