‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साए में पाकिस्तान को दूसरा झटका, बलूच विद्रोहियों का IED हमला, भारी नुकसान

Spread the love


बलूच विद्रोहियों का पाक सेना पर बड़ा हमला: 24 घंटे में दूसरी बार IED से हमला, 12 सैनिकों की मौत का दावा

8 मई 2025 को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी सेना पर 24 घंटे के भीतर दूसरा बड़ा हमला कर दुनिया का ध्यान खींचा है। यह हमला बलूचिस्तान के माच कुंड क्षेत्र में उस समय हुआ, जब पाकिस्तानी सेना किसी बड़े सैन्य ऑपरेशन की तैयारी कर रही थी।

BLA की स्पेशल टैक्टिकल ऑपरेशंस स्क्वाड ने सेना के एक वाहन को रिमोट-नियंत्रित विस्फोटक (IED) से उड़ा दिया। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि सेना की गाड़ी पूरी तरह नष्ट हो गई और मौके पर ही कई सैनिकों की मौत हो गई। BLA ने 12 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है, जबकि पाकिस्तानी सेना ने 7 जवानों की मौत की पुष्टि की है।

यह हमला ऐसे समय पर हुआ है, जब बलूचिस्तान में अलगाववादी गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। इससे पहले BLA ने केच जिले के किलाग इलाके में भी पाकिस्तानी सेना को निशाना बनाया था, जिसमें भी कई सैनिक हताहत हुए थे। दो दिनों में दो घातक हमले पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।

मार्च 2025 में भी BLA ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर बड़ा हमला किया था, जो अब तक का सबसे दुस्साहसी कृत्य माना गया। इससे साफ है कि BLA अब ज्यादा संगठित और आक्रामक रणनीति के साथ सामने आ रहा है, और उसे स्थानीय समर्थन भी मिलता दिख रहा है।

भारत के परिप्रेक्ष्य में, यह घटनाक्रम बेहद महत्वपूर्ण है। भारत लंबे समय से बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार हनन और सैन्य अत्याचारों पर चिंता जताता रहा है। अब जब बलूच विद्रोहियों की ओर से प्रतिरोध खुलकर सामने आ रहा है, तो यह भारत के लिए कूटनीतिक अवसर भी हो सकता है, जिससे वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की नीतियों को उजागर कर सके।

यह भी उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान इन दिनों भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रभाव में पहले ही कूटनीतिक और सैन्य दबाव में है। ऐसे में बलूच विद्रोहियों के हमले इस्लामाबाद के लिए दोहरी चुनौती बनते जा रहे हैं। यह हमले न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलते हैं, बल्कि उसकी सीमाओं के भीतर बढ़ते असंतोष और विद्रोह का संकेत भी देते हैं।

बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति भारत के लिए सतर्कता का विषय है। भारत को इस क्षेत्र में हो रहे घटनाक्रमों पर राजनयिक और खुफिया स्तर पर गहरी निगरानी रखनी चाहिए। साथ ही, भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बलूच लोगों के अधिकारों की लड़ाई के प्रति संवेदनशील बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभा सकता है।


Related Posts

उत्तराखण्ड को आपदा राहत के लिए ₹5702.15 करोड़ के विशेष पैकेज का प्रस्ताव

Spread the love

Spread the love उत्तराखण्ड को आपदा राहत के लिए ₹5702.15 करोड़ के विशेष पैकेज का प्रस्ताव देहरादून। उत्तराखण्ड सरकार ने इस साल मानसून के दौरान हुए भीषण नुकसान की भरपाई…

रामबाग गौलापार में दुग्ध उत्पादकों की बड़ी बैठक, 80,600 की प्रोत्साहन राशि वितरित

Spread the love

Spread the love नैनीताल दुग्ध उत्पादक संघ द्वारा स्वच्छ दुग्ध उत्पादन गोष्ठी एवं गुड हाईजिनिक मैन्युफैक्चरिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन रामबाग गौलापार के शिव पार्वती वेंकट हॉल में किया गया।…

Leave a Reply