उत्तराखंड पंचायत चुनाव: आरक्षण का अंतिम प्रस्ताव जारी, 4 अगस्त तक मांगी गईं आपत्तियां

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उत्तराखंड पंचायत चुनाव: आरक्षण का अंतिम प्रस्ताव जारी, 4 अगस्त तक मांगी गईं आपत्तियां

हरिद्वार को छोड़ सभी जिलों में पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण तय | अंतिम प्रकाशन 6 अगस्त को

देहरादून, 1 अगस्त। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों ने तेजी पकड़ ली है। राज्य सरकार ने जनपद हरिद्वार को छोड़कर शेष सभी जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण का अंतिम प्रस्ताव जारी कर दिया है। इसके साथ ही राज्य में चुनावी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है।

आरक्षण प्रस्ताव की कानूनी और प्रशासनिक पृष्ठभूमि
यह प्रस्ताव पंचायतीराज (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के प्रावधानों के अंतर्गत तैयार किया गया है। इसमें माननीय उच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश और राज्य सरकार द्वारा गठित समिति की सिफारिशों को आधार बनाया गया है। यह आरक्षण प्रथम चक्र के अनुसार तय किया गया है और रोटेशन प्रणाली का पालन किया गया है।

जिलावार आरक्षण की स्थिति (प्रथम चक्र):

क्रमजनपदआरक्षण की स्थिति
1अल्मोड़ामहिला (अनारक्षित)
2बागेश्वरमहिला (अनुसूचित जाति)
3चंपावतअनारक्षित
4चमोलीअनारक्षित
5देहरादूनमहिला (अनारक्षित)
6नैनीतालअनारक्षित
7पौड़ी गढ़वालमहिला (अनारक्षित)
8पिथौरागढ़अनुसूचित जाति
9रुद्रप्रयागमहिला (अनारक्षित)
10टिहरी गढ़वालमहिला (अनारक्षित)
11उधमसिंह नगरपिछड़ा वर्ग
12उत्तरकाशीअनारक्षित

आपत्तियां दर्ज करने का मौका: 2 से 4 अगस्त तक
यदि किसी व्यक्ति को आरक्षण प्रस्ताव पर आपत्ति है, तो वह अपनी लिखित आपत्ति 2 अगस्त से 4 अगस्त 2025 तक प्रातः 9:30 से सायं 6:00 बजे के बीच पंचायतीराज विभाग, कमरा संख्या-19, सोबन सिंह जीना भवन, सचिवालय परिसर, 04-सुभाष मार्ग, देहरादून में प्रस्तुत कर सकता है।

महत्वपूर्ण तिथियां:

कार्यक्रमतिथि
अंतिम आरक्षण प्रस्ताव का प्रकाशन1 अगस्त, 2025
आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि2 से 4 अगस्त, 2025
आपत्तियों का निस्तारण5 अगस्त, 2025
अंतिम प्रकाशन6 अगस्त, 2025

निदेशक का पत्र: प्रचार-प्रसार के निर्देश
निदेशक पंचायतीराज मित्ति यादव द्वारा जारी पत्र संख्या 1179/निर्वाचन/2025-26, दिनांक 01.08.2025 के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों और जिला पंचायत राज अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रस्ताव का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें, ताकि जनता समय रहते अपनी आपत्तियां प्रस्तुत कर सके।

समाप्ति के बाद आपत्तियां नहीं मानी जाएंगी
शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निर्धारित समय सीमा के बाद प्राप्त किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा।

चुनाव तिथियों की घोषणा का रास्ता साफ
अब जबकि आरक्षण प्रक्रिया अंतिम चरण में है, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा जल्द ही की जा सकती है। इससे राज्यभर में चुनावी गतिविधियों में तेजी आना तय है।


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