आतंक का जवाब अब युद्ध होगा”, भारत की नई नीति से पाकिस्तान झुका

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भारत-पाक सीमा पर संघर्षविराम: भारत की सख्त चेतावनी के बाद थमा तनाव


पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात, भारत ने स्पष्ट किया – भविष्य में आतंकवादी हमले को सीधी जंग मानी जाएगी; सीमाओं पर सेना अलर्ट पर, नागरिकों को राहत

भारत-पाक सीमा पर संघर्षविराम: भारत की सख्त चेतावनी के बाद थमा तनाव
“आतंक का जवाब अब युद्ध होगा”, भारत की नई नीति से पाकिस्तान झुका


22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। सीमा पर गोलीबारी, ड्रोन हमले और हवाई निगरानी के बीच अब दोनों देशों ने “पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम” की घोषणा की है। लेकिन इस बार का संघर्षविराम भारत की सख्त नीति और नई चेतावनी के आधार पर हुआ है, जिसे कूटनीतिक हल नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव का परिणाम माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि भविष्य में पाकिस्तान की सरजमीं से कोई आतंकवादी हमला होता है, तो उसे “सीधा युद्ध” माना जाएगा। यह पहली बार है जब भारत ने आधिकारिक रूप से आतंकवाद को युद्ध के समकक्ष घोषित किया है।

सीजफायर की शर्तें और नई रणनीति:

  • भारत की पहल पर पाकिस्तान ने संघर्षविराम की मांग स्वीकार की।
  • यह समझौता जमीन, आकाश और समुद्र – तीनों क्षेत्रों पर लागू है।
  • किसी भी प्रकार की घुसपैठ, गोलीबारी या आतंकी सहायता को समझौते का उल्लंघन माना जाएगा।
  • भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि भविष्य में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी।

विदेश मंत्रालय की ओर से बयान:

भारत के विदेश सचिव ने बयान जारी कर कहा, “शांति के प्रयास हमेशा स्वागत योग्य हैं, परंतु भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। आतंकवाद के विरुद्ध देश की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।”


अन्य संबंधित खबरें:

1. सीमावर्ती क्षेत्रों में लौट रही सामान्य स्थिति:
उत्तर कश्मीर, पुंछ और राजौरी जिलों में गोलाबारी रुकने के बाद लोग राहत की सांस ले रहे हैं। स्कूल फिर से खुले, और नागरिक अब भी सतर्कता बरत रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन योजनाओं को सक्रिय बनाए रखा है।

2. अंतरराष्ट्रीय दबाव पर भारत का स्पष्ट रुख:
हालांकि अमेरिका और कुछ वैश्विक ताकतों ने दोनों देशों से संयम की अपील की थी, लेकिन भारत ने स्पष्ट कर दिया कि उसकी नीति सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दबाव से नहीं, बल्कि देशहित में तय होती है।

3. आतंकवाद पर भारत की नीति बनी रहेगी कठोर:
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि आतंकी नेटवर्कों, खासकर सीमापार से संचालित समूहों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाए। जरूरत पड़ी तो प्रिवेंटिव स्ट्राइक की नीति पर अमल किया जा सकता है।


विशेष टिप्पणी (नोट):

यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों, राजनयिक बयानों और वरिष्ठ विश्लेषकों के साक्षात्कार पर आधारित है।


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