अटकी वाटर कूलर लगाने के घोटाले की जांच शिकायत की जांच करने पहुंची टीम, मौके पर नहीं आई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी
■ नारायण सिंह रावत
सितारगंज। ग्राम पंचायतों में वाटर कूलर लगाने के नाम पर घोटाले की जांच लटकने लगी है। पहले मामले की सहायक विकास अधिकारी ने जांच की तो कई अनियमितता मिली, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इधर आयोग की टीम जांच के लिए पहुंची तो आरोपी ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मौके पर नहीं पहुंची।
कई ग्राम पंचायत में नियम ताक पर रखकर कर अपनी चहेती फर्म को ठेका दे दिया। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की चहेती रुद्रपुर की फर्म “में हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने कोटेशन में वाटर कूलर का खर्च 125000 प्रस्तुत किया था जबकि उसने बिल 130000 का बनाया। ऐसा कई ग्राम पंचायत में किया गया। खुलासा सहायक विकास अधिकारी की जांच में हुआ है। ग्राम पंचायत में वाटर कूलर लगाने के लिए विभाग की ओर से टेंडर निकाला गया। इसके लिए सितारगंज की फर्म में हिमांशु कंस्ट्रक्शन में कोटेशन डाला।1 जनवरी 2022 को कोटेशन निकाला गया था जिसके खुलने की तारीख 6 जनवरी रखी गई थी। करीब 9 दिन बाद दिनांक 15/01/22 को रुद्रपुर की फर्म में हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने इसके लिए टेंडर डाला। जबकि उक्त कोटेशन दिनांक 06/01/2022 को खोल दिया गया था।
जिसमें हिमांशु कांट्रेक्टर ने उस समय कोटेशन नहीं जमा की । ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मीनू आर्या के द्वारा उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 का उल्लघन कर ठेकेदार को उक्त कार्य दे दिया। मीनू आर्य के पास 17 ग्राम पंचायत का चार्ज है। इनमें करीब 42 लाख की लागत से वाटर कूलर लगे हैं। टेंडर में कोटेशन डालते समय हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने वाटर कूलर का अनुमानित खर्च 125000 दिखाया था। जब वाटर कूलर लग गया तो ठेकेदार की ओर से 130000 का बिल प्रस्तुत किया गया।
जिसे ग्राम पंचायत अधिकारी मीनू आर्य ने स्वीकृत कर दिया और उसका भुगतान वाटर कूलर लगाने और कोटेशन डालने की तिथि से पूर्व कर दिया गया। इस मामले की शिकायत ग्राम खैराना निवासी अनिल कुमार कंबोज ने विभाग से की। शिकायत पर सहायक विकास अधिकारी केसी बहुगुणा ने मामले की जांच की। जांच में सहायक विकास अधिकारी केसी बहुगुणा ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मीनू आर्य से संबंधित वाटर कूलर लगाने के दस्तावेज मांगे। लेकिन वह पूरे दस्तावेज नहीं दिखा सकी।
अनिल कुमार ने यह शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता की है। जांच के दौरान इस मामले पर भी मीनू आर्य ने कोई जवाब नहीं दे सकी। जांच में यह भी पता चला है कि हिमांशु कंस्ट्रक्शन का पंजीकरण जीएसटी में वाटर कूलर के लिए नहीं किया गया है। इसके बाद भी हिमांशु कंस्ट्रक्शन की ओर से सिद्धा नवदिया, बलखेड़ा बिडोरा मझोला, ड्यूडी, देवीपुरा एवं अन्य ग्राम पंचायतों में वाटर कूलर लगाने के लिए टेंडर डाले गए।
इस मामले की शिकायत अनिल कुमार ने आयोग से कर दी। इस पर आयोग की टीम जांच करने के लिए पहुंची। उसके बाद में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मौके पर नहीं पहुंची। कुछ समय पहले जांच और कार्यवाही का दावा करने वाले जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी अब भी जांच गतिमान होने की बात कह रहे हैं।