भविष्य के नवप्रवर्तकों का निर्माण: रानीखेत के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एकदिवसीय संगोष्ठी में एम.एससी. रसायन विज्ञान के छात्रों ने दिखाई अपनी प्रतिभा”

Spread the love

“भविष्य के नवप्रवर्तकों का निर्माण: रानीखेत के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एकदिवसीय संगोष्ठी में एम.एससी. रसायन विज्ञान के छात्रों ने दिखाई अपनी प्रतिभा”

रानीखेत: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक प्रेरणादायक एकदिवसीय संगोष्ठी में एम.एससी. छात्रों ने अपने शोध और नवाचार की शानदार प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम ने उभरते हुए विद्वानों को अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत करने का मंच प्रदान किया, जिससे ज्ञानवर्धक चर्चाओं का आदान-प्रदान हुआ और छात्रों की शैक्षणिक क्षमताओं का प्रदर्शन हुआ।

छात्रों द्वारा विभिन्न शोध विषयों पर प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिन्हें प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल द्वारा सावधानीपूर्वक मूल्यांकित किया गया। डॉ. तनुजा तिवारी, डॉ. निहारिका और डॉ. शीतल चौहान की निर्णायक मंडली ने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया। एम.एससी. प्रथम सेमेस्टर में दिव्या असवाल ने पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि दूसरे स्थान पर भास्कर सत्यवाली रहे। एम.एससी. तृतीय सेमेस्टर में, पूजा बिष्ट ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और दिव्या कैरा दूसरे स्थान पर रहीं।

पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान महाविद्यालय के प्राचार्य ने छात्रों के उत्कृष्ट प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस प्रकार के आयोजन छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह न केवल उनके ज्ञान को विस्तारित करता है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी प्रदान करता है जो भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा।”

रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रसून जोशी ने सभी छात्रों और शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “ऐसे शैक्षिक मंच छात्रों के शोध और संवाद कौशल को निखारने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। नियमित रूप से इस तरह की संगोष्ठियों का आयोजन छात्रों के लिए और भी बेहतर अवसर खोलेगा।”

कार्यक्रम संयोजिका डॉ. रीमा प्रियदर्शी ने समापन भाषण में सभी का धन्यवाद किया और कहा, “इस संगोष्ठी ने छात्रों को अपनी मेहनत और रचनात्मकता प्रदर्शित करने का एक अद्भुत अवसर दिया।”

डॉ. हेमलता भट्ट और डॉ. रश्मि रौतेला ने कार्यक्रम के सफल संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विज्ञान लोकप्रियीकरण समिति के समन्वयक डॉ. भारत पांडे ने इस अवसर पर कहा, “ऐसी गतिविधियाँ छात्रों में जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करती हैं और उन्हें नए शोध क्षेत्रों की ओर प्रेरित करती हैं।”

यह संगोष्ठी छात्रों और शिक्षकों के सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुई, जिसने सभी प्रतिभागियों को उनके शैक्षिक और अनुसंधान क्षमता को और अधिक खोजने के लिए प्रेरित किया।

  • Related Posts

    बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना

    Spread the love

    Spread the loveबिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना लालकुआं।उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बार…

    बिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना

    Spread the love

    Spread the loveबिंदुखत्ता को राजस्व गाँव बनाए जाने की माँग पर अब भी नहीं हुई ठोस कार्यवाही: यशपाल आर्य ने सरकार पर साधा निशाना लालकुआं।उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दौरान बार…

    Leave a Reply