
(नैनीताल)।हल्दूचौड़ क्षेत्र में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संसाधनों की भारी कमी को लेकर समाजसेवियों ने एक बार फिर आवाज उठाई है। अस्पताल के संचालन में कर्मचारियों और डॉक्टरों की कमी के चलते यहां गर्भवती महिलाओं को प्रसव और नियमित चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

समाजसेवी हेमंत सिंह गोनिया एवं सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य गोविंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि इस अस्पताल को चालू करवाने के लिए पहले भी उन्होंने जनहित याचिका दायर की थी, जिसके बाद यह अस्पताल शुरू हुआ। लेकिन लंबे समय से यहाँ आवश्यक स्टाफ और चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इसी समस्या को देखते हुए दोनों समाजसेवियों ने पुनः उत्तराखण्ड हाईकोर्ट, नैनीताल में जनहित याचिका दायर की है, जिसकी सुनवाई 10 अक्टूबर 2025 को निर्धारित है।
हेमंत सिंह गोनिया ने बताया कि करोड़ों रुपये की लागत से बने इस अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट, नर्सिंग स्टाफ, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, ईसीजी टेक्नीशियन और ड्रेसर जैसे कई आवश्यक पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि “बिना स्टाफ और संसाधनों के यह केंद्र मात्र एक इमारत बनकर रह गया है।”
समाजसेवियों का कहना है कि जनहित को ध्यान में रखते हुए इस अस्पताल में आवश्यक चिकित्सकीय स्टाफ की जल्द से जल्द नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।