■ नारायण सिंह रावत सितारगंज। खाद्य आपूर्ति विभाग में दुकानों के आवंटन में खूब मनमानी चल रही है। विभाग ने बिना दस्तावेज जांचे शक्तिफार्म के ग्राम सुरेंद्र नगर की कोटे की दुकान आवंटित कर दी। इतना ही नहीं आसपास के दो और गांव में की निरस्त दुकानों को भी उसी कोटे की दुकान से अटैच कर दिया गया।
सितारगंज के शक्तिफार्म क्षेत्र के ग्राम सुरेंद्र नगर विमल मिस्त्री के नाम से सस्ते गल्ले की दुकान का आवंटन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा किया गया है। दुकान के संबंध में मार्च 2023 में सूचना के अधिकार के तहत विभाग से सूचना मांगी गई थी।इसमें पूछा गया था दुकान के आवंटन के समय कौन कौन से दस्तावेज लगाए गए हैं। इस पर विभाग में किसी प्रकार के दस्तावेज जमा होने से इंकार कर दिया था। यह भी पूछा गया था कि सुरेंद्र नगर की दुकान से और कौन-कौन कोटे अटैच किए गए हैं। इस पर विभाग ने बताया कि सुरेंद्र नगर के कोटे की दुकान से ग्राम निर्मल नगर के दो और कोठे अटैच किए गए हैं।
अब सवाल उठता है कि क्या खाद्य आपूर्ति विभाग ने बिना जांच पड़ताल के ही कोटे की दुकान का आवंटन कर दिया था था।क्या दुकान आवंटन के समय सुरेंद्र नगर नगर के कोटेदार से कागजात नहीं लिए गए।फर्जी दुकान चलाने वाले के पास दो और दुकाने कैसे अटैच कर दी गई। दोनों दुकानों को अटैच करते समय जांच पड़ताल क्यों नही की गई। इस मामले में डीएसओ विपिन कुमार ने बताया की मामला उनके संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसी कोई बात है तो मामले की जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी। अगर दुकान फर्जी तरीके से ली गई है उसको निरस्त कर दोबारा आवंटन किया जाएगा।
इनसेट पहले भी लग चुका है भ्रष्टाचार का आरोप सुरेंद्र नगर के दुकानदार पर पहले भी भ्रष्टाचार और राशन की काला बाजारी के आरोप लग चुके हैं। ग्रामीणों ने दुकानदार के खिलाफ जमकर हंगामा किया था। इस पर विभाग ने दुकान को निलंबित कर दिया था। बाद में चुपके से अधिकारियों ने दुकान बहाल कर दी थी।