हल्दुचौड़।लालकुआ की लगभग तीन लाख से ऊपर की आबादी व तमाम ग्रामीण क्षेत्रो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने के उद्देश्य से 2014 में 40 बैड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को स्वीकृत किया गया जिसका भवन बनकर पूरी तरह से तैयार खड़ा है ओर जनता आज भी लोकार्पण व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का इंतजार कर रही है।लालकुआं में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के लिए प्रशासन किस कदर बेखबर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल तैयार हो जाने के 3 वर्ष बाद तक कार्यदायी संस्था ब्रीडकुल से स्वास्थ्य विभाग अस्पताल का हैंडोवर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया।
जिसके बाद हल्दुचौड़ निवासी समाजसेवी पीयूष जोशी द्वारा राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मामले में कार्यवाही की मांग की गई व राष्ट्रपति कार्यलय के दखल के बाद तत्काल स्वास्थ्य विभाग में खलबली दी मच गई व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उक्त भवन का हैंडोवर कार्य जो तीन वर्षों से लंबित था मात्र शिकायत के तीन माह के अंदर ही पूर्ण कर लिया गया पर पदों का सृजन व लोकार्पण की गेंद स्वास्थ्य विभाग द्वारा शक्शन की ओर फेके दी गयी । बताते चले कि पुनः समाजसेवी पीयूष जोशी द्वारा जब प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिख उक्त संबंध में अवगत कराया गया तो उसे उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन के जरिए स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया।
जिस पर स्वास्थ्य विभाग का कहना है की अपर निदेशक नियोजन महानिदेशालय के द्वारा जनपद नैनीताल के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, हल्दूचौड़ के संचालन हेतु आवश्यक पदों के सृजन का प्रस्ताव अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन को प्रेषित किया गया है परंतु शासन से स्वीकृति प्राप्त नहीं हो पाई है ।उक्त मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा भी डीजी हेल्थ को आवश्यक कार्यवाही के दिशा निर्देश समाजसेवी पीयूष जोशी के शिकायत पर जारी किए जा चुके हैं ,परंतु विभागों में सामंजस्य की कमी के कारण आम जनता अस्पताल के लोकार्पण के बाद मिलने वाली बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं से महरूम होती नजर आ रही है।
अब देखना यह होगा कि जब अस्पताल निर्माण में 6 साल लग गए,भवन हैंड ओवर करने में 3 साल लग गए ,तो अब पदों के सृजन व अस्पताल का लोकार्पण 2024 तक पूर्ण भी हो पाएगा या इसके लिए 2028 या 2032 लोकसभा चुनाव इंतजार जनता को करना पड़ेगा।
बॉक्स :जहां एक और जी 20 व वैश्विक सम्मेलनों में हम यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की बात करते हैं। तो वही धरातल पर छोटे-छोटे कार्य कराने हेतु राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री को पत्र लिखने पड़ते हैं। अस्पताल का हैंडोवर करवाने हेतु राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखा था तब जाकर कहीं अस्पताल का हैंडोवर पूर्ण हो पाया था ।वर्तमान में भी अस्पताल के लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र प्रेषित किया गया है -पीयूष जोशी समाजसेवी हल्दुचौड।