बेजुबानों के मसीहा: गौरी केयर सोसाइटी के दो गुमनाम सेवकों की करुणा से उपजा आश्रय, जहाँ जख्मी जीवों को मिलता है जीवनदान

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बेजुबानों के मसीहा: गौरी केयर सोसाइटी के दो गुमनाम सेवकों की करुणा से उपजा आश्रय, जहाँ जख्मी जीवों को मिलता है जीवनदान

जहाँ लोग जमीन के लिए लड़ते हैं, वहीं कुछ युवाओं ने समर्पित की अपनी ज़िंदगी बेजुबानों की सेवा में

लालकुआं।
आज के समय में जब अधिकांश युवा करियर और भविष्य की दौड़ में उलझे हैं, वहीं पश्चिमी राजीव नगर घोड़ानाला, बिंदुखत्ता के दो युवाओं ने एक अलग राह चुनी है — बेजुबानों की पीड़ा को अपना संकल्प बना लिया है। ये युवा ‘गौरी केयर सोसाइटी’ के माध्यम से एक ऐसा सेवा केंद्र चला रहे हैं, जहाँ बेसहाय, घायल और बीमार गाय, कुत्ते, बिल्ली व अन्य प्राणी आश्रय और उपचार पा रहे हैं।

इन दोनों सेवकों ने अपना नाम कहीं भी प्रचारित नहीं करने की स्पष्ट इच्छा जताई है। उनका कहना है कि “यह सेवा न दिखावे के लिए है, न प्रसिद्धि के लिए — यह तो आत्मा की आवाज है।”
उन्होंने अपनी निजी भूमि, समय, ऊर्जा और भावनाएँ पूरी तरह इन बेजुबानों के नाम कर दी हैं। वे स्वयं घायल जानवरों का उपचार करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें पंतनगर पशु चिकित्सालय या सरकारी अस्पताल तक ले जाते हैं।

इनका यह भी आरोप है कि –

“स्थानीय स्तर पर कई लोग गायों का उपयोग केवल दूध प्राप्ति तक करते हैं। जब वो बूढ़ी या दूध न देने वाली हो जाती हैं, तो उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है। यही जानवर बाद में बीमारियों से ग्रसित होकर सड़कों पर दम तोड़ते हैं। उनका दर्द कोई नहीं समझता। हम मनुष्य तो बोल सकते हैं, मगर ये जानवर सिर्फ आँखों से दर्द बयान करते हैं। यदि हम भी उनकी नहीं सुनेंगे, तो कौन सुनेगा?”

इनकी यह करुणा अब एक मिशन बन चुकी है।
मातृशक्ति भी इस सेवा में भागीदारी निभा रही है। महिलाओं द्वारा गौ-आश्रय निर्माण व भरण-पोषण हेतु जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है — घर-घर जाकर संवेदना जागृत की जा रही है और सहयोग हेतु अपील की जा रही है।

स्थानीय लोग अब धीरे-धीरे इस सेवा में भागीदार बन रहे हैं — कोई दवाइयाँ लाता है, कोई चारा देता है, कोई कुछ आर्थिक सहयोग देता है, तो कोई श्रमदान करता है। ‘गौरी केयर सोसाइटी’ अब सिर्फ संस्था नहीं रही, बल्कि एक जनांदोलन बन रही है — करुणा और सह-अस्तित्व का प्रतीक।

इन गुमनाम सेवकों की विनम्र अपील है –

“हम तो केवल माध्यम हैं। सेवा तभी पूर्ण होगी जब समाज साथ देगा। आपका छोटा सा सहयोग किसी मासूम प्राणी को नई जिंदगी दे सकता है।”

आप भी इस पुण्य कार्य से जुड़ सकते हैं – चाहे आर्थिक सहयोग हो, समय का योगदान या सेवा भावना। आइए, मिलकर एक ऐसा समाज बनाएं जहाँ बेजुबानों को दर्द नहीं, दया मिले।

संपर्क करें:
गौरी केयर सोसाइटी
पश्चिमी राजीव नगर, घोड़ानाला, बिंदुखत्ता, लालकुआं (नैनीताल)


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