लोको पायलट की सतर्कता से टली बड़ी रेल दुर्घटना, शामली में पटरी पर मिली साजिश की तस्वीर

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फिर दोहराई गई साजिश! लोको पायलट की सतर्कता से टली बड़ी रेल दुर्घटना
उत्तर प्रदेश के शामली में दिल्ली-सहारनपुर रेलवे ट्रैक पर हादसे की कोशिश नाकाम, चौथी घटना ने खड़े किए सुरक्षा पर सवाल

शामली (उत्तर प्रदेश)
शनिवार की रात उत्तर प्रदेश के शामली जिले में उस समय एक बड़ी रेल दुर्घटना होते-होते टल गई, जब दिल्ली से सहारनपुर जा रही 64021 MEMU पैसेंजर ट्रेन के पायलट ने ट्रैक पर लोहे का खंभा और अन्य अवरोध देख इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। यह हादसा बलवा गांव के पास रात लगभग 10:16 बजे टला।

प्रत्यक्षदर्शियों और रेलवे सूत्रों के अनुसार, रेल ट्रैक पर 10 से 12 फुट लंबा लोहे का पाइप, कंक्रीट ट्यूब और बड़ी संख्या में पत्थर रखे हुए थे। सतर्क लोको पायलट की तत्परता ने संभावित जनहानि को रोक दिया। ट्रेन करीब एक घंटे तक रुकी रही, जिससे यात्रियों में दहशत का माहौल बन गया।

सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल (RPF), सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। अज्ञात लोगों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 150 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

लगातार चौथी घटना, सवालों के घेरे में रेलवे सुरक्षा

गौरतलब है कि मई माह में यह इस प्रकार की चौथी घटना है। इससे पूर्व नई दिल्ली-भुवनेश्वर तेजस राजधानी, दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस और काठगोदाम एक्सप्रेस के साथ भी पटरी पर अवरोध रखकर दुर्घटना कराने की कोशिश की गई थी।

इन घटनाओं की समानता से स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह मात्र शरारत नहीं बल्कि कोई संगठित साजिश हो सकती है। रेलवे प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियाँ पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच में जुटी हैं।

वीडियो भी आया सामने

घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लोको पायलट द्वारा समय रहते ट्रेन को रोकने की सूझबूझ साफ़ दिखाई देती है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है और पायलट की प्रशंसा की जा रही है।

अब जरूरी है ठोस कार्रवाई

लगातार हो रही घटनाओं ने रेलवे प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं:

  • क्या ट्रैक की निगरानी और पेट्रोलिंग पर्याप्त है?
  • क्या सुरक्षा तंत्र में कोई चूक हो रही है?
  • क्या इन घटनाओं के पीछे कोई संगठित गिरोह सक्रिय है?

अब वक्त है कि रेलवे सुरक्षा में तकनीकी संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर जनसहभागिता भी सुनिश्चित की जाए।


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