
लालकुआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच घोटाला उजागर, लैब टेक्नीशियन पर गिरी पहली गाज
रिपोर्टर – मुकेश कुमार
स्थान – लालकुआं
लालकुआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लंबे समय से मरीजों को निजी पैथोलॉजी लैब में जांच कराने के लिए बाध्य करने के मामले में अब कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है। मरीजों की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और जांच के बाद पहली गाज अस्पताल के लैब टेक्नीशियन पर गिरी है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरीश चंद्र पंत द्वारा की गई विभागीय जांच में लैब टेक्नीशियन बसंत बल्लभ लोहनी को दोषी पाया गया है। बताया गया कि टेक्नीशियन द्वारा मरीजों को सरकारी सुविधाओं की जानकारी दिए बिना निजी लैब में जांच कराने का दबाव बनाया जा रहा था। इस आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने उनका तबादला पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी की स्वीकृति भी मिल चुकी है। संबंधित आदेश आने के बाद टेक्नीशियन को जल्द ही रिलीफ दे दिया जाएगा।

लालकुआं पीएचसी में तैनात कुछ डॉक्टरों पर भी आरोप हैं कि वे मरीजों को बाहर की दवाइयाँ और निजी पैथोलॉजी से जांच कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जबकि अस्पताल में अधिकतर जांचें मुफ्त उपलब्ध हैं, फिर भी मरीजों को बाहर भेजा जा रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। यह सिलसिला काफी समय से चल रहा है, जिससे जनता में भारी आक्रोश है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्वेता भंडारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि,
“बीते कुछ समय से लालकुआं स्वास्थ्य केंद्र में निजी जांचों की शिकायतें मिल रही थीं। जांच में पाया गया कि लैब टेक्नीशियन द्वारा निजी लैब में जांच करवाने का दबाव बनाया जा रहा था। उसे दोषी मानते हुए उसका तबादला दुर्गम क्षेत्र में करने की स्वीकृति दे दी गई है। आदेश जारी होते ही उसे रिलीव कर दिया जाएगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में सभी आवश्यक जांचें मुफ्त में की जाती हैं और जांचों की सूची दीवारों पर चस्पा की गई है। यदि कोई डॉक्टर या कर्मचारी मरीजों को निजी लैब में भेजता है, तो उसके विरुद्ध विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. भंडारी ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई डॉक्टर या स्टाफ बाहर की जांच या दवाइयाँ लिखता है, तो इसकी शिकायत सीधे स्वास्थ्य विभाग से की जाए। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
सरकार द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बावजूद लालकुआं जैसे क्षेत्रों में इस प्रकार की अनियमितताएं गंभीर चिंता का विषय हैं। ऐसे मामलों पर त्वरित कार्रवाई जनता के भरोसे को बनाए रखने में सहायक होगी।