घोड़ानाला में मगरमच्छों के आतंक और प्रदूषण के खिलाफ किसान महासभा का हल्लाबोल
किसान महासभा ने 2011 की डीएम बैठक के निर्णय लागू करने और वन विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की
लालकुआं, 27 जून।
बिंदुखत्ता के पटेलनगर घोड़ानाला क्षेत्र में सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल से निकलने वाले रसायनयुक्त प्रदूषित नाले और उसमें मौजूद मगरमच्छों के बढ़ते खतरे को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा ने एक बैठक कर कड़ा विरोध दर्ज किया। बैठक में वन विभाग और प्रशासन से मगरमच्छों को पकड़कर अन्यत्र भेजने और प्रदूषित नाले को भूमिगत करने की मांग उठाई गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो क्षेत्रीय जनता आंदोलन को बाध्य होगी।
बैठक को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के जिला सचिव डॉ. कैलाश पांडे ने कहा कि यह संकट कोई नया नहीं है। वर्ष 2011 में तत्कालीन जिलाधिकारी श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें घोड़ानाला को भूमिगत करने समेत 16 प्रमुख बिंदुओं पर निर्णय लिए गए थे। लेकिन आज तक उन पर कोई अमल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि “राजनीतिक प्रभाव और कॉर्पोरेट संरक्षण के चलते जनता की सेहत के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है। भूजल विषैला हो चुका है और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है।”
किसान महासभा के जिला सचिव चन्दन राम ने कहा कि मगरमच्छ कभी बकरियों पर हमला कर रहे हैं तो कभी घरों में घुस रहे हैं। वन विभाग को कई बार सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वरिष्ठ नेता विमला रौथाण ने कहा कि “महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। यदि प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो क्षेत्रीय जनता बड़ा जनांदोलन छेड़ेगी।”
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह जीना ने की। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रशासन के समक्ष मांग रखने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और नाले की शुरुआत से शांतिपुरी तक जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
2011 की ऐतिहासिक बैठक के प्रमुख बिंदु और उपस्थित अधिकारी:
वर्ष 2011 में जिलाधिकारी श्री शैलेश बगौली की अध्यक्षता में वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत बिंदुखत्ता क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान हेतु एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। इसमें प्रदूषित घोड़ानाला को भूमिगत करने, बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, रेता-बजरी परमिट, परिवार रजिस्टर पृथक बनाने समेत 16 से अधिक निर्णय लिए गए। जिसमें से मुख्य रूप से
बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु शासन को अनुस्मारक पत्र भेजा जाए।अनुसूचित जाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत ग्राम स्तरीय समितियों का गठन किया जाए।सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल से निकलने वाले रसायनयुक्त नाले (घोड़ानाला) को भूमिगत (अंडरग्राउंड) करने हेतु प्रस्ताव तैयार किया जाए।
बिंदुखत्ता क्षेत्र में रेता-बजरी सार्वजनिक परमिट हेतु प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा जाए।
मुख्यमंत्री घोषणा के अनुरूप बिंदुखत्ता-लालकुआं क्षेत्र में आईटीआई की स्थापना हेतु शासन को पत्र भेजा जाए।
कुरियाखत्ता व श्रीलंका टापू में गोला नदी के कटाव से सुरक्षा हेतु तात्कालिक तटबंध निर्माण कार्य शुरू किया जाए।
मनरेगा के तहत बिंदुखत्ता के सभी खातों में जॉब कार्ड बनाए जाएं। जन्म-मृत्यु पंजीकरण का कार्य निकटवर्ती ग्राम सभा के ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किया जाएगा।परिवार रजिस्टर अब खातावार तरीके से अलग-अलग खातों के नाम से तैयार किए जाएंगे।
इस बैठक में निम्न अधिकारी उपस्थित रहे:श्री शैलेश बगौली – जिलाधिकारी, नैनीताल (अध्यक्षता)श्री दीपक रावत – मुख्य विकास अधिकारी, नैनीतालश्री अशोक जोशी – एसडीएम, हल्द्वानी श्री नगपाल – एसडीएम, नैनीताल श्रीमती सरोज राणा – जिला समाज कल्याण अधिकारी, नैनीताल डॉ. पी.एन. सिंह – खण्ड शिक्षा अधिकारी, हल्द्वानी श्री के.सी. पांडे – ईई, जल संस्थानश्री रवि सनवाल – पूर्ति अधिकारी श्री प्रेम सिंह मेहता – बीडीओ, रामनगर श्री पी.सी. जोशी – सहायक समाज कल्याण अधिकारी, रामनगर श्रीमती धन्या देऊपा – बीडीओ, हल्द्वानी श्री एन.के. तिवारी – एसडीओ वन, हल्द्वानी श्री के.आर. टाटा – एसडीओ वन, हल्द्वानीश्री रजा अब्बास – तहसीलदार, लालकुआं डॉ. साकेत बंडोला – IFS (P), तराई पश्चिमी वन प्रभाग श्री प्रभुनाथ सिंह – तहसीलदार, हल्द्वानी श्री गोविन्द बिष्ट – मीडिया सेंटर प्रतिनिधि, हल्द्वानी श्री पी.के. पंत – DFO, तराई पूर्वी डॉ. परग धाकले – DFO, तराई केंद्रीय श्री जितेन्द्र कुमार – DPRO, नैनीताल श्री राकेश साह – मद निरीक्षक, समाज कल्याण विभाग श्री पुरुषोत्तम शर्मा – प्रदेश अध्यक्ष, किसान महासभा खातावासी प्रतिनिधि: श्री उमरदीन, श्री गुलामवासी श्री सी.सी. जोशी – सहायक समाज कल्याण अधिकारी, कोटाबाग
बैठक में उपस्थित प्रमुख किसान प्रतिनिधि:
विमला रौथाण, चन्दन राम, डॉ. कैलाश पांडे, गोविंद सिंह जीना, बिशनदत्त जोशी, राम किशन, पप्पू सिंह राजपूत, देशराज, राम पाल, मीना बाई, कमली बाई, राजू, गोपाल, कस्तूरी बाई, अनीता अन्ना, धीरज कुमार, परमजीत, भीमाबाई, इन्द्राबाई, रेशमा, मुन्नी देवी, गोपाल सिंह नयाल, अर्चना, वलवन्त सिंह, रेशमी बाई, घोटू राज, शांति देवी, भूरीबाई, प्रेमजीत, कमल जोशी आदि।