शिक्षा और प्रौद्योगिकी: एक एकीकृत पहल शिक्षा और प्रौद्योगिकी के मध्य संबंध ।

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डॉ. भारत पांडेय असिस्टेंट प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग। सरदार भगत सिंह राजकीय महाविद्यालय,रुद्रपुर

शिक्षा और प्रौद्योगिकी: एक एकीकृत पहलशिक्षा और प्रौद्योगिकी के मध्य संबंध एक महत्वपूर्ण और गहरा संबंध है। जब से प्रौद्योगिकी मानव सभ्यता में अपनी पहुंच बढ़ा रही है, शिक्षा में भी इसका प्रभाव दिखाई दे रहा है। वर्तमान समय में, शिक्षा और प्रौद्योगिकी एक प्रगतिशील युग में जीने का माध्यम बन गए हैं।विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तेजी से बढ़ती दुनिया में, शिक्षा ने उसके साथ कदम मिलाए हैं। आधुनिक शिक्षा पद्धतियों में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ चुका है।

ग्लोबलाइजेशन के युग में, शिक्षा और प्रौद्योगिकी एक-दूसरे के साथ संगत होने के लिए आवश्यक हैं।प्रौद्योगिकी ने शिक्षा को एक नई दिशा दी है। विद्यार्थियों को अब स्मार्ट कक्षाएं, इंटरनेट पर वन्दे मातरम् करने के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग, वेबिनार, ऑनलाइन पाठयक्रम आदि के माध्यम से शिक्षा मिलती है।

इन तकनीकी उपयोगों के बिना, यह संभव नहीं होता कि विद्यार्थी ग्लोबल शिक्षा के माध्यम से अपनी दूसरी भाषा का अध्ययन कर सकें या विदेशी विद्यालयों में एडमिशन प्राप्त कर सकें। प्रौद्योगिकी ने शिक्षा को दूसरों के साथ संवाद करने, विचारों को साझा करने और सहयोग करने का नया तरीका दिया है।शिक्षा और प्रौद्योगिकी के एकीकरण से विद्यार्थियों को अधिक संघटित और संवेदनशील बनाया गया है। इंटरनेट पर संख्यात विद्यालयों और शैक्षणिक संगठनों के वेबसाइटों द्वारा, विद्यार्थी आसानी से अध्ययन सामग्री, नोट्स, और पाठ्यक्रम के साथ संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, छात्रों को अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से अभ्यास करने की सुविधा भी मिलती है।प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत शिक्षा की अवधारणा ने भी शिक्षा के मानकों को बदल दिया है।

शिक्षा संस्थानों ने वे सामग्री, पुस्तकें, और अभ्यास कार्यक्रम अब छात्रों को वीडियो के माध्यम से पाठ सुनने और देखने की सुविधा भी मिलती है। वीडियो पाठ में छात्रों को विषय को समझने में मदद मिलती है और उन्हें अधिक सक्रिय बनाने का अवसर देती है।इसके अलावा, विद्यार्थियों को अनलाइन टेस्ट देने की भी सुविधा होती है जिससे उन्हें अपनी प्रगति को मापने का मौका मिलता है। इंटरनेट पर विभिन्न प्लेटफॉर्मों द्वारा संचालित किए जाने वाले टेस्ट छात्रों की ज्ञान को मापने के साथ-साथ छात्रों को अधिकांश प्रश्नों का प्रयास करने और अपनी गलतियों से सीखने का अवसर भी देते हैं।शिक्षा और प्रौद्योगिकी के एकीकरण ने छात्रों को भी अधिक स्वतंत्र बनाया है। वे अपने अभ्यास की गति, शिक्षा सामग्री की पहुंच, और अध्ययन सामग्री को चुनने की स्वतंत्रता रखते हैं। प्रौद्योगिकी के द्वारा छात्रों को खुद को स्वयं संचालित करने का अवसर मिलता है और उन्हें शिक्षा के लिए अपनी प्राथमिकताएं न और, शिक्षा में दूसरी भाषाओं की सीख भी बढ़ गई है। विद्यार्थी अब अन्य भाषाओं के लिए ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करके खुद को सीखने के लिए स्वतंत्र हो सकते हैं। इंटरनेट पर भाषा सीखने के लिए वेबसाइट और ऐप्स उपलब्ध हैं जो छात्रों को विभिन्न भाषाओं के शब्दावली, वाक्यांशों, और व्याकरण का अध्ययन करने में मदद करते हैं।इसके अलावा, शिक्षा में दूसरे क्षेत्रों के साथी भी अधिक सम्पर्क बना सकते हैं। वीडियो कॉल, ईमेल, और सोशल मीडिया के माध्यम से अन्य छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करने का मौका मिलता है।

इससे छात्रों के बीच विचार-विमर्श, विदेशी संस्कृति के बारे में ज्ञान और साझा करने का अवसर मिलता है।अंत में, शिक्षा में तकनीकी उन्नति ने छात्रों के लिए शिक्षा के साधनों और संसाधनों की पहुंच में सुविधाएं बढ़ा दी है। छात्रों को अब अध्ययन सामग्री को डाउनलोड करने, ई-पुस्तकें पढ़न और, शिक्षा में तकनीकी उन्नति ने छात्रों की शिक्षा में रुचि बढ़ाने के लिए नई महकमों का आयोजन किया है। उदाहरण के लिए, अब छात्रों को अधिकांश विषयों में इंटरेक्टिव और गतिशील पाठयक्रम प्रदान किए जाते हैं, जिससे उन्हें सब्जेक्ट्स के बारे में रुचि और समझ बढ़ती है। इसके अलावा, ऑनलाइन टेस्टिंग संबंधित तकनीकों के माध्यम से छात्रों को अपनी समझ और ज्ञान को मापने का मौका मिलता है।इसके साथ ही, वार्चुअल रियलिटी (VR) और एग्जेस्टेड रियलिटी (AR) जैसी तकनीकें शिक्षा में अद्वितीय अनुभव प्रदान करने के लिए उपयोग हो रही हैं। इन तकनीकों की मदद से, छात्रों को वास्तविक जीवन और संगठन के नये-नये संदर्भों पर अभ्यास करने का मौका मिलता है। उदाहरण के लिए, वैज्ञानिक प्रयोग, ऐतिहासिक स्थलों का दौरा, और व्यावसायिक क्षेत्रों के अवलोकन के लिए VR और AR का उपयोग किया जा सकता है।समग्रता और, शिक्षा में तकनीकी उन्नति ने शिक्षा के लिए नए और सुविधाजनक संसाधनों का निर्माण और प्रदान करने के लिए भी संभवता खोल दी है।

वेबसाइट्स, मोबाइल ऐप्स, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और अन्य डिजिटल साधनों के उपयोग से, छात्रों को ऑनलाइन पाठ्यक्रमों, संसाधनों और वीडियो पाठों तक पहुंच मिलती है। इससे छात्रों को अधिक संगठित और व्यापक शिक्षा की सुविधा मिलती है।इसके साथ ही, शिक्षार्थियों को दूरस्थ शिक्षा का अवसर भी मिलता है। वीडियो कॉल, ऑनलाइन कक्षाएं और वेबिनार के माध्यम से, उन्हें गुरुकुल की अनुभव सीख और अध्ययन करने का मौका मिलता है। इससे उन्हें स्वतंत्रता और अनुकरण की सुविधा मिलती है, जहां वे अपने स्वयं के ग्रहण कार्यक्रम के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं।इसके अलावा, शिक्षा में तकनीकी उन्नति ने शिक्षार्थियों को ऑनलाइन सहायता और समर्थन के लिए भी अवसर प्रदान किए हैं। छात्रों को ईमेल,और, यह तकनीकी उन्नति शिक्षार्थियों को स्वयं प्रगति की गति को मापने के लिए भी सुविधाएं प्रदान करती है। इंटरेक्टिव और ऑनलाइन मानचित्रिकी, एकाउंटेबिलिटी सॉफ्टवेयर, और गति ग्राफिक्स के माध्यम से, शिक्षार्थी अपनी प्रगति को माप सकते हैं और अपने लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए अपनी क्षमताओं को समय-समय पर अद्यतन कर सकते हैं।

इसके अलावा, इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में विचार-विमर्श, सहयोग और सम्प्रेषण का मार्ग भी खुल गया है। छात्र अपने पेशेवर और शिक्षक संगठनों के साथ संपर्क कर सकते हैं, वैश्विक साथियों के साथ अनुभवों का आकस्मिक विनिमय कर सकते हैं और विभिन्न समर्थन समूहों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं।इस प्रकार, तकनीकी उन्नति शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान करती है और शिक्षार्थियों को बेहतर और स्वतंत्र शिक्षा की सुविधा प्रदान करती है।

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