उत्तराखंड में लव जिहाद के मामलों ने बढ़ाई ‘सरगर्मी’, पछुवादून से उत्तरकाशी तक उबाल

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उत्तराखंड में इन दिनों लव जिहाद के मामले सुर्खियों में हैं. पछुवादून से लेकर उत्तरकाशी तक लव जिहाद के मामलों को लेकर लोग आक्रोशित हैं. सीएम धामी ने भी पुलिस के अधिकारियों को ऐसे मामलों पर सख्ती बरतने के निर्देश दे दिए हैं.

उत्तरकाशी जिले में पुरोला नगर पंचायत है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीती 26 मई को उवेद खान नाम का एक युवक और उसका साथी जितेंद्र सैनी, एक स्थानीय दुकानदार की नाबालिग बेटी को साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि दोनों को 27 मई को गिरफ्तार कर लिया गया।

. स्थानिय लोगों के मुताबिक लड़की को शादी का झांसा दिया गया था.इस घटना के बाद से पुरोला के स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा. और देखते ही देखते स्थानीय लोगों, दुकानदारों और इलाके के संगठनों ने पुरोला में कथित बाहरी दुकानदारों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान मुस्लिम समुदाय की दुकानों के बोर्ड हटाने और शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी. बताया गया कि इन प्रदर्शनों में भाजपा और आरएसएस के लोग भी शामिल थे.।इन्हीं प्रदर्शनों के बाद करीब 42 दुकानदार अपनी दुकानें छोड़कर चले गए.।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि यह ‘लव जिहाद’ का मामला है. इसी को लेकर खूब हंगामा भी किया गया था, तभी से उत्तरकाशी शहर में तनाव व्याप्त है. अब सोमवार को पुरोला मुख्य बाजार में मुस्लिम दुकानदारों के दुकान के बाहर शटर पर पोस्टर लगाए गए, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले अपनी दुकानें खाली करने को कहा गया है.

इधर स्थानी पुलिस ने दुकानों में लगे पोस्टरों को सोमवार को ही हटा दिए और उन्हें चिपकाने वालों की पहचान करने के लिए जांच कर रही है।

बाहरी दुकानदारों के विरोध में पुरोला बाजार में लोकल दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी थीं. इन लोगों का कहना था कि बाहरी लोग और दुकानदार यहां आकर व्यापार की आड़ में कई तरह के अपराध करते हैं. चोरी की घटनाएं होती रहती हैं. स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़े बजाते हुए पूरे इलाके में जुलूस निकाला और बाहरी दुकानदारों को पुरोला से बाहर निकालने की मांग की. लोगों के आक्रोश को देखते हुए व्यावसायिक संस्थानों, दुकानों और इलाके के होटल वगैरह बंद करवा दिए गए. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस फ़ोर्स की तैनात की गई

बता दें कि जब से हिंदू लड़की के अपहरण का मामला तूल पकड़ा है, तब से मुस्लिमों ने अपनी दुकानें नहीं खोली हैं. कुछ तो दुकान और घर दोनों छोड़कर भाग गए हैं.।

बीते सोमवार को कुछ मुस्लिम परिवारों ने पुरोला एसडीएम देवानंद शर्मा को एक ज्ञापन सौंपा. उन्होंने एसडीएम ने कहा कि वह आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. कई दिनों से उनकी दुकान बंद हैं. उन्होंने कहा कि उन लोगों को सुरक्षा दी जाए, ताकि वह अपनी दुकानें खोल सकें. अगर उनके साथ कुछ घटना घटित होती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा.

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