उच्चस्थलीय औषधीय पौधा: कोविड-19 से संघर्ष के लिए रामबाण
डॉ भारत पाण्डे
सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,रुद्रपुर,उधमसिंहनगर,
उत्तराखण्ड,भारत
कोरोनावायरस (कोविड-19) ने हमारे जीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। इस नई और अज्ञात बीमारी ने दुनिया भर में अस्थायी रूप से बदल दिया है। लोगों को सुरक्षित रहने के लिए विभिन्न उपायों का आदान-प्रदान करना पड़ रहा है। इस संघर्ष के दौरान, उच्चस्थलीय औषधीय पौधों का महत्व अधिक महसूस हो रहा है। इन पौधों को “रामबाण” माना जा रहा है, क्योंकि ये कोविड-19 से लड़ाई में सहायता प्रदान कर सकते हैं।
उच्चस्थलीय औषधीय पौधों के माध्यम से, हमें न केवल शारीरिक बल मिलता है, बल्कि ये हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाते हैं। ये पौधे विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, जो हमारे शरीर को विषाणुओं और संक्रमणों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। इन पौधों का आदान-प्रदान न केवल स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि इससे हमारे सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
अगर हम इन पौधों को अपनी आदतों में शामिल करें तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी। जैसा कि प्राचीन आयुर्वेद में बताया गया है, तुलसी, अमला, अश्वगंधु, नीम, गिलोय, गुग्गुल, आंवला, ब्रह्मी, अर्जुन, शतावरी, अलोवेरा, अदरक, त्रिफला, ब्रह्मी, जीरा, सफेद मुसली, जीवन्ती, रसना और अन्य उच्चस्थलीय औषधीय पौधे हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन पौधों का नियमित सेवन हमें आराम, ताकत, और शारीरिक और मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
उच्चस्थलीय औषधीय पौधों के बारे में अधिक जानने के लिए, हमें अपने परंपरागत और वैज्ञानिक ज्ञान को मिश्रित करके इन पौधों की खोज करनी चाहिए। इसके अलावा, हमें अपने आस-पास की प्राकृतिक जगहों को संरक्षित रखना चाहिए, ताकि ये पौधे हमें औषधीय माला के रूप में उपलब्ध रहे।
कोविड-19 महामारी ने हमें यह याद दिलाया है कि हमारे प्राकृतिक आवास के साथ जुड़े हुए पौधे हमारे स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए, हमें इन पौधों के प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें अपनी रोजमर्रा की जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।
इन उच्चस्थलीय औषधीय पौधों को सही ढंग से उपयोग करने के लिए, हमें विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए और उनकी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। हमें इन पौधों के सेवन की उचित मात्रा का पालन करना चाहिए।