24 नवंबर को नानकमत्ता पब्लिक स्कूल के कैंपस में साइंस आउटरीच प्रोग्राम आयोजित किया गया। हिमालय ग्राम विकास समिति गंगोलीहाट, सी .न राव एजूकेशन फाउंडेशन, बेंगलुरु और उत्तराखण्ड काउंसिल ऑफ़ साइंस & टेक्नोलॉजी के तत्वाधान में आयोजित इस प्रोग्राम के तहत विद्यालय में नानकमत्ता पब्लिक स्कूल, नोसगे स्कूल और ग्लोरियस एकेडमी, बनबसा (चंपावत) के लगभग 130 शिक्षार्थी और 12 टीचर्स शामिल हुए।
हिमालय ग्राम विकास समिति विज्ञान को सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने का काम करती है। इसका मकसद शिक्षार्थियों के लिए ऐसा स्पेस बनाना है जहां वे विज्ञान को न सिर्फ़ पढ़ें बल्कि समझें और जिएं भी। स्कूल कैंपस में भी कुछ ऐसा ही हुआ। विज्ञान और गणित के प्रोफ़ेसर्स ने इस तरह अपनी बात रखी जिससे शिक्षार्थियों को कठिन कहे जाने वाले विषय भी मज़ेदार लगने लगे।
इस कार्यक्रम के फैसिलिटेटर्स में आईआईटी बॉम्बे के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर राजकुमार पंत, गोविंद बल्लभ पंत विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर बी. डी. लखचौरा, कुमाऊं विश्वविद्यालय में गणित के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉक्टर नरेंद्र सिजवाली, पंतनगर विश्वविद्यालय से ही जेनेटिक्स और प्लांट ब्रीडिंग के प्रोफ़ेसर ए. एस. जीना ने लर्नर्स के साथ पूरे दिन अपनी प्रेजेंटेशन दी। इस बीच छात्रों ने खूब सवाल पूछे। कुछ सवाल अपने साथ ले गए। कभी कॉमन रूम में हंसी की लहर उठी तो कभी चौंकाने वाले रहस्य के बीच सारे छात्र सैर कर रहे थे।
शिक्षार्थियों ने विज्ञान थीम पर बनाई अपनी दीवार पत्रिका भी सभी के सामने प्रदर्शित की। उन्होंने स्कूल आए मेहमानों को दीवार पत्रिका के विचार, मकसद और प्रक्रिया के बारे में बताया। हमेशा की तरह इस बार भी नानकमत्ता पब्लिक स्कूल से जुड़े नए सदस्यों द्वारा इस पत्रिका का उद्घाटन किया गया।
हिमालय ग्राम विकास समिति, गंगोलीहाट के श्री राजेंद्र बिष्ट ने इस कार्यक्रम को सफ़ल बनाने के लिए सारे संसाधन जुटाए। इस दौरान कैलाश पंत जी, नक्षत्र पांडे, अंजु भट्ट मैम का भी साथ मिला।
स्कूल की प्रिंसिपल वर्षा का कहना था कि “उम्मीद है यह आउटरीच प्रोग्राम छात्रों को सोचने, समझने और खुद पर रिफ्लेक्ट करने का एक मौका देगा”।