लालकुआं । निकटवर्ती क्षेत्र बिंदुखत्ता में राजस्व गांव की मांग को लेकर लगातार संघर्षरत क्षेत्र वासियों द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाये जाने की पहल शुरू की गई थी। जिसके तहत उक्त फाइल अंतिम चरण में जिलाधिकारी कार्यालय में है । जिलाधिकारी कार्यालय के बाद उक्त फाइल शासन को जाएगी जहां से केवल अधिकारियों के हस्ताक्षर व टिप्पणियों के अनुसार बिंदुखत्ता कोे राजस्व गांव का पत्र जारी हो जाएगा। आशा जताई जा रही है कि वर्तमान ग्राम पंचायत के चुनाव बिंदुखत्ता में होंगे।
जल्द होंगे बिंदुखत्ता में ग्राम पंचायत के चुनाव
बिंदुखत्ता में वन अधिकार समिति द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत क्षेत्रीय विधायक डॉ मोहन सिंह बिष्ट के नेतृत्व में राजस्व गांव की प्रक्रिया विभिन्न पड़ाव से होते हुए उपजिलाधिकारी, समाज कल्याण विभाग व वन विभाग की तमाम दिक्कतों का निपटारा करते हुए। फाइल अब अंततिम चरण पर पहुंची है।
जो आदर्श आचार संहिता के बाद आगामी 4 जून को शासन को भेज दी जाएगी। इसके बाद शासन उक्त को राजस्व गांव का दर्जा दे देंगे परंतु यह सब तब संभव होगा जब क्षेत्र की जनता एक छूट रहेगी। उक्त राजस्व गांव बनने में वर्तमान विधायक डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट ने हर तरह से वन अधिकार समिति को भरपूर सहयोग कर अधिकारियों से मार्गदर्शन करवा कर उक्त क्षेत्र को राजस्व गांव में तब्दील करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
डॉ मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि जल्द ही बिंदुखत्ता की राजस्व गांव संबंधी फाइल शासन को तलब हो जाएगी।
आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते उक्त फाइल अभी जिलाधिकारी कार्यालय में है जो जल्द ही शासन को जाएगी , यहां तक की उत्तराखंड के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने को लेकर मुख्यमंत्री घोषणा में शामिल कर दिया है और जिलाधिकारी के माध्यम से भी फाइल पहुंचाने वाली है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि ग्राम पंचायत के चुनाव बिंदुखत्ता में भी संभव इसी सत्र में हो जाएंगे।
वन अधिकार समिति के अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी ने बताया कि बिंदुखत्ता में ग्राम पंचायत चुनाव की चर्चा दवे मुंह हो रही है । लेकिन अभी जिलाधिकारी के पास से फाइल शासन को जाना है और कुछ ही समय के बाद शासन जिलाधिकारी , उप जिलाधिकारी व वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का पत्र जारी करेगा। जैसे कि रामनगर व हरिद्वार के गांवों को अभी-अभी सरकार ने राजस्व गांव की मान्यता दी है। उन्होंने कहा की डॉक्टर मोहन सिंह बिष्ट के दिशा निर्देश पर ही यह सब संभव हो पाया है।
समिति के सचिव भवन भट्ट ने बताया कि फाइल जिलाधिकारी कार्यालय पर रुकी हुई है जिस पर अधिकारी वर्ग लोकसभा चुनाव के आचार संहिता का हवाला दे रहे हैं यदि यह फाइल जल्दी शासन को तलब हो जाती तो निश्चित तौर से हम वर्तमान समय होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव में सामिल हो जाते। हमें वन अधिकार अधिनियम के तहत जैसे अभी रामनगर के तीन गांव व हरिद्वार के कुछ गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया गया है ठीक उसी के अनुरूप हमारी फाइल भी शासन को जा रही है। आशा है कि जल्दी ही हम ग्राम पंचायत के चुनाव करेंगे।
कुल मिलाकर शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधि सब ही चाहते बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिया जाए। देखना है कि अब कब बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्ज व ग्राम पंचायत चुनाव हो पाएंगे। क्षेत्र वासियों ने आश लगाई है कि वर्तमान ग्राम पंचायत चुनाव में ही बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्ज मिल जाएगा और बिंदुखत्तावासी ग्रामपंचायत लड़ेंगे।