देश के पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड (उत्तराखंड) का ब्लूप्रिंट…

author
0 minutes, 5 seconds Read
Spread the love

उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने बुधवार को उत्तराखंड में तैयार हो रहे समान नागरिक संहिता (UCC) पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा तैयार की जा रही यूनिफॉर्म सिविल कोड सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करेगी, लैंगिक समानता को बढ़ावा देगी और आर्थिक, सामाजिक और धार्मिक असमानताओं से लड़ने में मदद करेगी.

Super Exclusive— ABP News पर देश के पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड (उत्तराखंड) का ब्लूप्रिंट… करीब 2 लाख 31 हज़ार सुझावों में से इन सुझावों पर लगी अंतिम मुहर… पूरे देश में यूनिफार्म सिविल कोड का टेम्पलेट बनेगा उत्तराखण्ड का UCC (यूनिफॉर्म सिविल कोड)…

1—- पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगेगी।

2—-लड़कियों की शादी की आयु बढ़ाई जाएगी ताकि वे विवाह से पहले ग्रेजुएट हो सकें।

3—- लिव इन रिलेशनशिप का डिक्लेरेशन जरूरी होगा। माता पिता को सूचना जाएगी।

4—- उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर का हिस्सा मिलेगा।

5—- एडॉप्शन सभी के लिए allow होगा। मुस्लिम महिलाओं को भी मिलेगा गोद लेने का अधिकार। गोद लेने की प्रक्रिया आसान की जाएगी।

6–हलाला और इद्दत पर रोक होगी।

7– शादी का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन होगा। बगैर रजिस्ट्रेशन किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नही मिलेगा।

8–– पति-पत्नी दोनो को तलाक के समान आधार उपलब्ध होंगे। तलाक का जो ग्राउंड पति के लिए लागू होगा, वही पत्री के लिए भी लागू होगा।

9–नौकरीशुदा बेटे की मौत पर पत्री को मिलने वाले मुआवजे में वृद्ध माता-पिता के भरण पोषण की भी जिम्मेदारी। अगर पत्नी पुर्नविवाह करती है तो पति की मौत पर मिलने वाले कंपेंशेसन में माता पिता का भी हिस्सा होगा।

10– मेंटेनेंस– अगर पत्नी की मौत हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण की जिम्मेदारी पति की।

11- गार्जियनशिप– बच्चे के अनाथ होने की सूरत में गार्जियनशिप की प्रक्रिया को आसान किया जाएगा।

12- पति-पत्नी के झगड़े की सूरत में बच्चों की कस्टडी उनके ग्रैंड पैरेंट्स को दी जा सकती है।

13–जनसंख्या नियंत्रण की बात।

सहयोग भड़ास 4इंडिया से

Similar Posts

Leave a Reply

%d bloggers like this: