एरीज में आईआईएसएफ जनसंपर्क कार्यक्रम।

Spread the love

एरीज में आईआईएसएफ जनसंपर्क कार्यक्रम

आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्थान है। एरीज ने सोमवार 18 नवंबर, 2024 को मनोरा पीक, नैनीताल स्थित अपने मुख्य परिसर में इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) 2024 पर एक जनसंपर्क कार्यक्रम का आयोजन किया। IISF विज्ञान भारती, जो कि स्वदेशी भावना के साथ देश के वैज्ञानिकों द्वारा संचालित एक विज्ञान आंदोलन है, के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, अंतरिक्ष विज्ञान विभाग और परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।

राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों बांसी तथा मल्ली सेठी के 50 छात्र-छात्राओं और बेनेट विश्वविद्यालय, नोएडा के 25 छात्रों और शिक्षकों ने एरीज का दौरा किया और IISF के कर्टेन रेजर जनसंपर्क कार्यक्रम में भाग लिया। एरीज के जनसंपर्क कार्यक्रम के प्रभागी डॉ वीरेंद्र यादव ने लोगों का स्वागत सौर धब्बे दिखाकर किया।

वरिष्ठ खगोलशास्त्री और एरीज में खगोल विज्ञान प्रभाग के अध्यक्ष डॉ. जीवन चंद्र पाण्डेय ने छात्रों को खगोल विज्ञान की बारीकियों से अवगत कराया किया। उन्होंने बताया कि कैसे खगोलशास्त्री आकाशीय पिंडों की जांच के लिए दूरबीन और प्रकाश का उपयोग करते हैं। आप्टिक्स अभियंता श्री जयश्रीकर पंत ने दूरबीन की कार्य प्रणाली समझाई। पोस्ट डाक्टोरल फेलो डॉ अमर देव चंद्र और शोधकर्ता खुशबू ने छात्रों को खगोल वैज्ञानिक बनने की राह बताई। छात्रों ने 104 सेमी संपूर्णानंद टेलीस्कोप का दौरा किया। साथ ही तारामंडल शो और एरीज पर एक वृत्तचित्र भी देखे। एरीज के शोधकर्ताओं ने सूर्यास्त के बाद दूरबीन के माध्यम से आकाश दर्शन की भी व्यवस्था की। छात्र बहुत जिज्ञासु थे और उन्होंने वैज्ञानिकों और जनसंपर्क टीम के साथ चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया।

  • Related Posts

    बिंदुखत्ता मामले की दिल्ली में सुनवाई, आयोग ने दी कानूनी स्पष्टीकरण

    Spread the love

    Spread the loveनई दिल्ली।नई दिल्ली में सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में बिंदुखत्ता से संबंधित मामले की सुनवाई हुई। यह मामला प्रभु गोस्वामी द्वारा दायर उस प्रार्थना पत्र से…

    बिन्दुखत्ता में वन आरक्षण प्रक्रिया अवैध, राजस्व ग्राम बनाने की मांग फिर तेज

    Spread the love

    Spread the loveवन अधिकार समिति ने जिलाधिकारी नैनीताल को सौंपा पुनः अभ्यावेदन, कहा—1966 की अधिसूचना रद्द कर पूरी की जाए बन्दोबस्ती प्रक्रियाहल्द्वानी, 18 अक्टूबर।उत्तराखंड के सबसे बड़े वन ग्रामों में…

    Leave a Reply