विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में जिलों को कार्य योजना बनाने के निर्देश-मुख्य सचिव

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मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की बैठक सम्पन्न
विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की दिशा में जिलों को कार्य योजना बनाने के निर्देश

देहरादून, 27 मई। उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में सचिव समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान राज्य के सभी जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में सहभागिता की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत दृष्टिकोण “विकसित भारत 2047” की दिशा में राज्य की तैयारियों की समीक्षा करना रहा।

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार से कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति की जानकारी ली और उससे निपटने की रणनीति पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री के संबोधन की मुख्य बातों की ओर सचिवों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विकसित ग्राम, विकसित शहर और विकसित जनपद की अवधारणा को धरातल पर उतारना होगा।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों को निर्देश दिए कि वे अगले 10 वर्षों के लिए स्पष्ट लक्ष्यों के साथ कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य एक स्थान को चिन्हित कर उसे वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करे। इस दिशा में शीघ्र कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि और स्वदेशी उत्पादों के प्रोत्साहन पर बल देते हुए उद्योग विभाग को आवश्यक योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने 21वीं सदी को प्रौद्योगिकी संचालित बताते हुए सरकारी योजनाओं को तकनीकी माध्यमों से समयबद्ध रूप से आम जनता तक पहुँचाने पर जोर दिया। उन्होंने इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर को बढ़ावा देने और नई तकनीकों के प्रशिक्षण को शिक्षा व कौशल विकास से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।

श्री बर्द्धन ने वैदिक गणित को प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा, बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभाग को संयुक्त कार्ययोजना बनाने को कहा। उन्होंने पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण और संरक्षण के लिए संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि वे इन्हें डिजिटल और फिजिकल दोनों स्वरूपों में संरक्षित करें।

मुख्य सचिव ने गृह और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से प्रदेश में स्टेट कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (State-CERT) गठन के निर्देश भी दिए, जिससे एक मजबूत साइबर सुरक्षा ईको सिस्टम तैयार किया जा सके।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने जिलों के दीर्घकालिक और लैगेसी मुद्दों को चिन्हित कर संबंधित विभागों को भेजें ताकि उनका उच्च स्तर पर समाधान किया जा सके।

मुख्य सचिव ने आगामी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस को राज्यभर में बड़े पैमाने पर मनाने की बात कहते हुए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को व्यापक स्तर पर चलाने के निर्देश दिए। इस हेतु प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु को समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री एल. फैनई, श्री आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, श्री रविनाथ रामन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री चंद्रेश कुमार यादव, श्री दीपक रावत, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान एवं श्री युगल किशोर पंत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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