
गली-कूचों में मौत का इलाज: लालकुआं में झोलाछाप डॉक्टरों का बढ़ता साम्राज्य, स्वास्थ्य विभाग मौन दर्शक!
मुकेश कुमार लालकुआं (नैनीताल)।
लालकुआं नगरीय क्षेत्र और इसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी हकीकत भयावह होती जा रही है। सरकारी अस्पतालों में मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव ने आम जनता को मजबूरी में झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाने को विवश कर दिया है। हालात यह हैं कि अब हर गली-मोहल्ले में बिना डिग्री और पंजीकरण वाले तथाकथित डॉक्टरों के क्लीनिक ‘दुकानों’ की तरह चल रहे हैं, जहां इलाज के नाम पर लोगों की ज़िंदगियों से खुला खिलवाड़ किया जा रहा है।

इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास न तो कोई मान्यता प्राप्त डिग्री होती है और न ही कोई वैध पंजीकरण। बावजूद इसके, ये व्यक्ति बुखार, उल्टी-दस्त, डेंगू, पीलिया, आई फ्लू, पथरी, टीबी, यहाँ तक कि कोविड जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि इनका धंधा दिन-ब-दिन फलता-फूलता जा रहा है — न कोई रोक, न टोक, और न ही कोई सख्त सरकारी कार्रवाई।
लालकुआं और उसके ग्रामीण क्षेत्रों में खुले इन अवैध क्लीनिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। झोलाछाप डॉक्टर कम पैसों में इलाज का लालच देकर भोली-भाली जनता को फंसाते हैं। इलाज के नाम पर कई बार मरीजों की हालत बिगड़ जाती है या जान भी चली जाती है, लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया केवल औपचारिकता तक सीमित रहती है। हादसे के बाद कुछ दिनों की हलचल होती है, फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर लौट आता है।

बीते वर्षों में कई लोगों ने इन झोलाछाप डॉक्टरों के गलत इलाज के चलते जान गंवाई है। बावजूद इसके, न तो स्थानीय प्रशासन और न ही स्वास्थ्य विभाग ने इस समस्या को गंभीरता से लिया। विभाग की लापरवाही और कार्रवाई में हीलाहवाली ने झोलाछापों के हौसले और बुलंद कर दिए हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि यह सारा गोरखधंधा प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है। बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर, बिना पंजीकरण के क्लीनिक, नकली दवाओं का उपयोग और अप्रशिक्षित लोगों द्वारा गंभीर बीमारियों का इलाज — यह सब कुछ अब आम बात हो गई है। और अधिकारी? वे मूकदर्शक बने हुए हैं।

इस गंभीर स्थिति में अब ज़रूरत है कि आमजन भी जागरूक हो। इलाज करवाने से पहले चिकित्सक की डिग्री और पंजीकरण की जानकारी जरूर लें। अवैध क्लीनिकों और झोलाछाप डॉक्टरों की सूचना संबंधित विभाग को दें, ताकि समय रहते सख्त कार्रवाई हो और किसी निर्दोष की जान न जाए।
यह खबर सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं, एक चेतावनी है — इलाज के नाम पर जान से न जाएं, झोलाछापों से सावधान रहें!