
गोरापड़ाव में बेतरतीब कट बना जानलेवा, स्कूटी सवार युवक की दर्दनाक मौत — पत्नी और दो बच्चे गंभीर
लालकुआं। हल्द्वानी-हल्दूचौड़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने बेतरतीब कट एक बार फिर मौत का कारण बन गए। गोरापड़ाव बाजार में बने अनियोजित कट के चलते हुई भीषण सड़क दुर्घटना में नवाड़खेड़ा, बागजाला (गौलापार) निवासी कन्नू सिंह बिष्ट (30 वर्ष) की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और दो मासूम बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोलापार नवासी कन्नू सिंह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ स्कूटी से किच्छा स्थित ससुराल हरेला पर्व मनाने जा रहे थे। उन्होंने पास में ही पेट्रोलप से पेट्रोल भरा कर जैसे ही किच्छा सड़क पर मुड़े ही थे कि तभी अचानक नियंत्रित भारत पेट्रोलियम के एक तेज़ रफ्तार ट्रक (UK04CB8022) ने स्कूटी टक्कर मार दी जैसे ही स्कूटी चालक बच्चों सहित सड़क पर जा गिरा तभी कन्नू स्कूटी चालक ट्रक के टयर के नीचे आ गया और उसकी मौत हो गई। जबकि स्कूटी में कोई खरोच तक नहीं, उनकी पत्नी और दोनों बच्चे जख्मी हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को डॉ. सुशीला तिवारी चिकित्सालय भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।
दुर्घटना में प्रयुक्त स्कूटी नई थी और उस पर नंबर प्लेट तक नहीं लगी थी। मामले में मंडी चौकी प्रभारी प्रेम विश्वकर्मा ने ट्रक और स्कूटी को कब्जे में लेकर मृतक का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
गोरापड़ाव के वरिष्ठ समाजसेवी गोपाल सिंह अधिकारी ने चेतावनी दी कि “यदि जल्द ही यह जानलेवा कट बंद नहीं किया गया, तो क्षेत्रवासी आंदोलन को बाध्य होंगे।”
वहीं, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल मोटाहल्दू के अध्यक्ष संदीप पांडे ने भी चेताया कि “तीनपानी से हल्दूचौड़ तक बने सभी बेतरतीब कट यदि बंद नहीं किए गए, तो व्यापारी और ग्रामीण संयुक्त आंदोलन छेड़ेंगे।”

गत दिवस एक सामाजिक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी वंदना सिंह से मिलकर लालकुआं मुक्तिधाम से लेकर गोरापड़ाव ओवरब्रिज तक की असुरक्षित क्रॉसिंग्स और गोरापड़ाव बालिका इंटर कॉलेज के सामने बने जानलेवा कट की समस्या से अवगत कराया था। जिलाधिकारी ने भी NH अधिकारियों को इन कटों को सुरक्षित करने और स्ट्रीट लाइट्स पूरी रात चालू रखने के निर्देश दिए थे। उन्होंने 15 दिन में कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
स्थानीय लोग अब सवाल कर रहे हैं कि जब यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है, तो एनएच निर्माण में सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं किए गए?
गोरापड़ाव का कट तो मानो भूलभुलैया बन चुका है, जो हर सप्ताह किसी न किसी हादसे का कारण बन रहा है। अब लोगों को लगने लगा है कि यदि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कुछ नहीं करेगा तो ट्रैफिक पुलिस ही अंतिम विकल्प है।

इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या प्रशासन और हाईवे विभाग किसी बड़ी त्रासदी का इंतजार कर रहे हैं?
अब जरूरत है ठोस कार्यवाही की, ताकि गोरापड़ाव जैसे संवेदनशील इलाकों में बने इन कटों को आधुनिक सुरक्षा यंत्रों से सुसज्जित और नियंत्रित किया जाए।
