अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर हमारे 5 साथियों का यह पहला जत्था उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली और बैंगलोर में अपने नए संस्थानों की तरफ जा चुका है। किसी रेजिडेंशियल विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले यह पहली पीढ़ी के छात्र हैं।
उक्त जानकारी देते हुए एनपीएस स्कूल के निदेशक डॉक्टर कमलेश अटवाल ने कहा कि ऐसे समय में जब उच्च शिक्षा आम लोगों की पहुंच से दूर हो रही हो यह छात्र नानकमत्ता के ग्रामीण परिवेश से निकलकर अपने सीखने के अवसरों को समृद्ध करने और व्यापक दुनिया को समझने के लिए इन संस्थानों में जा रहे हैं। अभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट आने बाकी हैं।
उम्मीद है अगस्त के महीने में देशभर में फैले केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी हमारे छात्र अपने और अपने समाज के लिए बेहतर अवसर जुटाने और अपनी समझ को समृद्ध करने अलग-अलग विषयों से अध्ययन करेंगे। यह सभी छात्र छात्रवृत्ति पर अध्ययन करने जा रहे हैं। लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि निजी संस्थानों व पब्लिक संस्थानों की बढ़ती फीस के बीच कितने छात्रों को अपनी पसंद के संस्थानों में अध्ययन करने का मौका मिलेगा.