ऑप्टिकल ध्रुवीकरण के माध्यम से ब्लेज़र ओजे 287 के दुहरे तंत्र में द्वितीयक ब्लैक होल से उत्सर्जन की खोज
OJ 287 को एक दुहरे ब्लैक होल तंत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है जहाँ गुरुत्वाकर्षण विकिरण में खोई हुई ऊर्जा के कारण कक्षा धीरे-धीरे अंदर की ओर सर्पिल होती है। ऊर्जा हानि की पुष्टि 2008 में ही कर दी गई थी। बाद के मापों ने, सबसे हाल ही में 2023, में इस कक्षा समाधान की पुष्टि की है।
अब तक इस दुहरे तंत्र से उत्पन्न होने वाले संकेत या तो प्राथमिक ब्लैक होल, जो कि एक अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल है, या उसके आसपास गैस की अभिवृद्धि डिस्क से जुड़े रहे हैं। 28 वैज्ञानिकों के एक अंतर्राष्ट्रीय (चीन, भारत, फिनलैंड, रूस, अमेरिका, जापान और बुल्गारिया से) समूह द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में छोटे (द्वितीयक) ब्लैक होल से सीधे उत्पन्न होने वाले संकेतों का अवलोकन करके इस परिदृश्य में नए प्रमाण जोड़े गए हैं। इस अध्ययन का नेतृत्व आलोक सी. गुप्ता ने किया है, जो वर्तमान में शंघाई एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी, चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज, चीन में विश्राम कालीन अध्ययन पर हैं, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संस्थान, आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज), नैनीताल में वैज्ञानिक हैं। संक्षेप में, शोधकर्ताओं का दावा है कि वे OJ 287 से आने वाले ध्रुवीकृत प्रकाश के माप का उपयोग करके पहली बार द्वितीयक ब्लैक होल को “देखने” में सक्षम हैं।
OJ 287 का प्रकाश ध्रुवीकृत है, यह तथ्य 50 से अधिक वर्षों से ज्ञात है। हालाँकि, ध्रुवीकृत संकेत का पूर्ण उपयोग करने के लिए, समय के साथ इसके बदलाव की निगरानी करना आवश्यक है। गुप्ता एवं अन्य ने अब तक की सबसे व्यापक ध्रुवीकरण निगरानी का अध्ययन पूरा किया है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, रूस/क्रीमिया और बुल्गारिया में स्थित ध्रुवीकरण माप के लिए विशेष उपकरण वाले सात दूरबीनों का उपयोग किया गया है। इसमें एक सामान्य नियम पाया गया जिसका पालन OJ 287 करता है: कुल ऑप्टिकल उत्सर्जन में वृद्धि से ध्रुवीकरण में वृद्धि होती है, और इसके उलट भी होता है।
दिलचस्प बात यह है कि कई बार यह नियम विफल हो जाता है। मॉडल दिखाते हैं कि विफलताएँ दो अतिव्यापी संकेतों से जुड़ी होने की संभावना है, एक प्राथमिक ब्लैक होल से आ रहा है और दूसरा द्वितीयक से आ रहा है। दो अलग-अलग संकेतों के लिए साक्ष्य प्रकाश के ध्रुवीकरण में सबसे अधिक दृढ़ता से दिखाई देता है, जो कि केवल एक स्रोत के बजाय दो स्रोतों के योगदान देने पर काफी अलग होने की उम्मीद है। दो-संकेत मामले में ध्रुवीकरण बदलाव के सामान्य नियम का उल्लंघन होता है।
चूँकि दोनों ब्लैक होल आकाश में एक-दूसरे के बहुत ही करीब हैं, केवल 10 माइक्रोआर्कसेकंड की दूरी पर, वे अनिवार्य रूप से प्रकाश के एकल बिंदु के रूप में दिखाई देते हैं। केवल प्रकाश के ध्रुवीकरण का उपयोग करके ही हम यथोचित रूप से आश्वस्त हो सकते हैं कि वास्तव में दो स्रोत, दो ब्लैक होल, कुल प्रकाश संकेत में योगदान करते हैं। सामान्य नियम का उल्लंघन ऐसे समय में प्रकट होता है जब हम दुहरे मॉडल में द्वितीयक ब्लैक होल के सक्रिय होने की उम्मीद करते हैं: सामान्य तौर पर छोटे द्वितीयक से संकेत का पता नहीं लगाया जा सकता है। द्वितीयक की गतिविधि गैस की प्राथमिक डिस्क की ओर आने से संबंधित है, जो द्वितीयक को पोषण के लिए पदार्थ प्रदान करती है।
इस पोषण से रेडियो से लेकर गामा-किरणों तक सभी उज्ज्वल संकेत प्राप्त होते हैं। गामा-किरण संकेतों का उपयोग हाल ही में कक्षा मॉडल को सत्यापित करने के लिए किया गया है। अब ध्रुवीकरण डेटा इस व्याख्या की पुष्टि करता है, और शोधकर्ताओं को आश्वस्त करता है कि OJ 287 वास्तव में एक अल्ट्रामैसिव दुहरा ब्लैक होल तंत्र है, जहां आकाश में एक-दूसरे से निकटता के बावजूद, दोनों घटकों के संकेतों को अलग किया जा सकता है।