त्योहारों के इस देश में माता-पिता की परियों को भी…

Spread the love

एक परी फिर कफन में लिपट चुकी है।

क्या मर्द और क्या ताकत मर्दानगी क्या होती है ये अब हमे दिख चुकी है।

दरिंदगी की हर हद पार हो चुकी है।पर दुनिया अब भी बस चुपचाप ही खड़ी है।

वो दौर अब नही जहां केवल स्त्री हरण से पूरी लंका राख हो गई।

यह वह दौर है जहां इंसानियत की हर हद पार हो गई।

साक्षी के केस की स्याही सुखी नहीं, फिर एक और बेटी हमेशा के लिए सो गई।

देखें खुदा तेरी बनाई दुनिया में अब लड़कियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर हो गई।

और अब भी वह सही नहीं,अब बोले उसने भरोसा क्यों किया?फिर एक और बार बेटी ही गलत हो गई।

कोई काट कर फ्रिज में रख रहा है कोई सरेआम बेरहमी से मन भर जाने तक चाकू से पत्थरों से कुचल जाने तक मार रहा है।यह काफी नहीं था कि अब इंसान इंसान को काट कर उबालकर रास्ते पर कुत्तों को खिला रहा है।

संभलकर बेटियो,इस त्योहारों के देश में अब बेटियों को बेरहमी से मारने का त्योहार आ रहा है।

  • लेखिका

सिया जीना

चाइल्ड़ सैक्रेड़ सीनियर सेकेंडरी की साथी।

राजीव नगर बिन्दुखत्ता लालकुआं नैनीताल उत्तराखंड।

  • Related Posts

    वन विभाग की संयुक्त टीम की बड़ी कार्रवाई, 2.5 लाख की लकड़ी बरामद

    Spread the love

    Spread the loveखटीमा से खैर की अवैध लकड़ी ला रही पिकअप पकड़ी, एक गिरफ्तार, दो फरारवन विभाग की संयुक्त टीम की बड़ी कार्रवाई, 2.5 लाख की लकड़ी बरामद तराई केंद्रीय…

    आयुर्वेद विभाग ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, मीडिया प्रभारी बने डॉ. डी. सी. पसबोला

    Spread the love

    Spread the love योग दिवस पर डिजिटल क्रांति के नायक होंगे डॉ. डी. सी. पसबोला — देहरादून जनपद के आयुर्वेद विभाग के मीडिया प्रभारी नियुक्त देहरादून योग दिवस 2025 के…

    Leave a Reply