
लमगडा से केदार बिष्ट की रिपोर्ट
. “एक माँ का घर राख हुआ, लेकिन उम्मीदें अब भी ज़िंदा हैं – क्या आप साथ देंगे?”
अंधेरे में भी उम्मीद की रौशनी: नीमा फर्त्याल की जीवन-यात्रा को रोशनी की ज़रूरत

ब्लॉक, लमगड़ा (उत्तराखंड) —
परसों रात लमगड़ा के डोल बंगला क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। नीमा फर्त्याल के घर में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि घर में रखे दो गैस सिलेंडर भी फट गए, जिससे धमाके के साथ पूरे मकान को जलाकर राख कर दिया गया।

आग बुझाने के लिए अग्निशमन दल को अल्मोड़ा से बुलाया गया, जो अगले दिन मौके पर पहुँचा। लेकिन तब तक नीमा का संपूर्ण घर — जिसमें ज़रूरी सामान, कपड़े, किताबें और बच्चों का भविष्य था — सब कुछ खाक हो चुका था।
इस भयावह हादसे के समय घर में नीमा, उनका बेटा और सास ही मौजूद थे। ईश्वर की कृपा रही कि किसी की जान नहीं गई, लेकिन नीमा के सामने अब जीवन को दोबारा शुरू करने की चुनौती खड़ी हो गई है।

नीमा एक आंगनवाड़ी में कार्यरत हैं और परिवार का एकमात्र सहारा हैं। उनके पति का निधन पहले ही हो चुका है। उनकी बेटी अल्मोड़ा में पढ़ाई कर रही है और बेटा 12वीं कक्षा में पढ़ता है। अब उनके पास न तो घर है, न कपड़े, न किताबें, और न ही जीवनयापन का कोई साधन।

इस दुःखद घड़ी में समाज का फर्ज बनता है कि हम सभी मिलकर उनके पुनर्निर्माण में योगदान दें। आइए, इस मानवता की पुकार को सुनें और मदद का हाथ बढ़ाएँ।
संपर्क और सहायता हेतु विवरण:
नीमा फर्त्याल
मोबाइल: 7579071799, 7055102433

आपकी छोटी सी मदद नीमा के जीवन में नई रौशनी ला सकती है। आइए, उम्मीदों की इस लौ को बुझने न दें।
