
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने सेंचुरी पेपर मिल के सौदे पर जताई आपत्ति, प्रशासन से की हस्तांतरण रोकने की मांग
लालकुआं (नैनीताल)।
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने बुधवार को उप जिलाधिकारी लालकुआं को ज्ञापन सौंपते हुए सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल और आईटीसी के बीच चल रहे व्यावसायिक हस्तांतरण की प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। संगठन ने इस हस्तांतरण को गैरकानूनी और जनहित के विरुद्ध बताते हुए 3 दिसंबर 2005 को संगठन के साथ हुए लिखित समझौते को लागू करने की मांग की।

प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रमुख राज्य आंदोलनकारी प्रकाश उत्तराखंडी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने इस दिशा में शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो संगठन न्यायालय का रुख करेगा। साथ ही, मिल प्रबंधन पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने और हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि सेंचुरी मिल प्रबंधन ने जल अधिनियम 1974 की धारा 24 व 25 का खुला उल्लंघन किया है, जिससे मानव जीवन और पर्यावरण दोनों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। श्री उत्तराखंडी ने यह भी कहा कि जब तक फौजदारी वाद संख्या 11/2 वर्ष 1993 जा फो एसडीएम कोर्ट हल्द्वानी में लंबित है, तब तक मिल को किसी अन्य संस्था को बेचना कानूनी रूप से अमान्य है।
ज्ञापन में प्रमुख मांगे:
- पेपर मिल के हस्तांतरण पर तुरंत रोक लगे।
- 2005 के लिखित समझौते को लागू किया जाए।
- पेपर मिल प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हो।
- जल अधिनियम के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई हो।
ज्ञापन देने वालों में शामिल रहे:
एडवोकेट भगवान सिंह माझेला, भगवत सिंह दानू, नारायण नाथ गोस्वामी, चंदन सिंह, डिगर सिंह, हीरा सिंह पवार, राम बहादुर, मोहन सिंह रौतेला सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो क्षेत्र में उग्र जनांदोलन शुरू किया जाएगा।