मानवता की मिसाल: समाजसेवियों ने बढ़ाया मदद का हाथ, घायल शेरू को एम्बुलेंस से भेजा गया AIIMS ऋषिकेश
हल्द्वानी / रामनगर।
कभी-कभी भगवान इंसानों के रूप में आकर किसी बेसहारा की जिंदगी बदल देते हैं। रामनगर से हल्द्वानी और फिर ऋषिकेश तक एक लावारिस घायल व्यक्ति की मदद के लिए जिस तरह समाजसेवियों ने दिन-रात एक किया, वह मानवता की सच्ची मिसाल बन गया है।
अजमेर निवासी शेरू (47 वर्ष), जो एक वर्कशॉप में गाड़ी सर्विसिंग का काम करता था, बिल्डिंग से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया। कुल्हे की हड्डी टूटने के बाद वह रामनगर तक किसी तरह रेल से पहुंचा, लेकिन वहां उसे लावारिस समझकर सड़क पर छोड़ दिया गया। चलने-फिरने में असमर्थ शेरू सड़क पर रोता रहा, लेकिन कोई मदद को आगे नहीं आया।
ऐसे समय में “नेकी की दीवार” टीम के संयोजक तारा घिल्डियाल, विशाल रावत, हिम्मत सिंह रावत और वसीम अहमद ने इंसानियत की डोर थामते हुए उसे रामनगर संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। उचित इलाज ना मिलने पर 23 जुलाई 2024 को शेरू को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया, जहां समाजसेवी हेमंत गौनिया ने उसे अपनाया और हर मोर्चे पर सहयोग किया।
24 जुलाई 2025 को हालत गंभीर देखते हुए हेमंत गौनिया ने उसे ऋषिकेश AIIMS में रेफर करवाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री हरीश पंत के सहयोग से 108 की नि:शुल्क एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराई गई। अब शेरू का इलाज एम्स ऋषिकेश में होगा।
हेमंत गौनिया ने शेरू को ‘गोद’ ले लिया है और हर संभव मदद का संकल्प लिया है। भविष्य में यदि वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है तो उसे किसी आश्रम में सुरक्षित रखा जाएगा।
यह मामला नैनीताल सांसद श्री अजय भट्ट, उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत तक पहुंचाया गया है। AIIMS ऋषिकेश के निदेशक को फोन पर निर्देश देकर तत्काल इलाज सुनिश्चित कराया गया है।
सभी नागरिकों से अपील है कि शेरू की मदद के लिए आगे आएं।
आप [Google Pay नंबर: 95280 96854] या [मोबाइल नंबर: 98972 13226] पर संपर्क कर मदद कर सकते हैं।
एक व्यक्ति यदि ₹1 भी देता है, तो यह हजारों के लिए जीवनदान बन सकता है। यही सच्ची मानवता और पुण्य है।
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