
लालकुआं। वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता ने एफआरए 2006 के तहत राजस्व गांव के दावे की अधिसूचना जारी करने की मांग दोहराई। समिति ने क्षेत्रीय प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री की उपस्थिति में मुख्य सचिव, राजस्व सचिव, वन सचिव और समाज कल्याण सचिव के साथ वन अधिकार समिति के शिष्टमंडल को भी शामिल करते हुए बैठक कर इस दावे पर विशेष कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
कार रोड स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि डीएलसी से दावा पास होने के बाद केवल अधिसूचना जारी होना बाकी है, लेकिन एक्ट के विपरीत फाइल को वन विभाग में उलझा दिया गया है, जो पूर्णतया गलत है।
समिति ने चिंता जताई कि 25 सितंबर को देहरादून में मुख्य सचिव की बैठक, जिसमें राज्यभर से एसडीएम, डीएफओ और मुख्य वन संरक्षक शामिल थे, उसमें “निर्वनीकरण” शब्द का उल्लेख होने के कारण आशंका है कि मामला केंद्र सरकार या सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है। ऐसे में बिंदुखत्ता का दावा फिर से अटक सकता है।
पूर्व विधायक नवीन दुम्का और सांसद प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह खाती ने आश्वासन दिया कि सांसद व विधायक स्तर से मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बैठक कर जल्द समाधान कराया जाएगा।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र बोरा ने भी कहा कि प्रतिपक्ष नेता और कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री की बैठक में दावे पर विशेष चर्चा कराई जाएगी।
समिति ने साफ कहा कि यदि मुख्यमंत्री स्वयं बैठक में मौजूद होंगे और अधिकारी उनके नेतृत्व में विचार-विमर्श करेंगे तो बिंदुखत्ता की राजस्व गांव की अधिसूचना आसानी से जारी हो जायेगी ।
बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग:
अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, सचिव भुवन भट्ट, श्याम सिंह रावत, बसंत पांडे, नंदन बोरा, हरेंद्र बिष्ट, चंचल सिंह कोरंगा, भरत नेगी, प्रमोद कॉलोनी, धर्म सिंह, बलवंत बिष्ट, बलवंत संभल, चंदन बोरा, किशन बघरी, हरीश सुयाल, विनीता बसनायत, गोविंद दानू, नगर पंचायत अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह लोटनी, मंडल अध्यक्ष नवीन पपोला, पूर्व विधायक नवीन दुम्का और वरिष्ठ कांग्रेसी हरेंद्र बोरा सहित कई ग्रामीण व जनप्रतिनिधि।

चित्र परिचय: बिंदुखत्ता वन अधिकार समिति द्वारा आयोजित बैठक में प्रतिभाग करते क्षेत्रीय प्रतिनिधि व अन्य।