सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हल्दूचौड़ में पदों के सृजन पर जनता ने जताया माननीय हाई कोर्ट नैनीताल का आभार.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हल्दूचौड़ में पदों के सृजन पर जनता ने जताया माननीय हाई कोर्ट नैनीताल, समाजसेवी, आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया व हाई कोर्ट के वकील मनीष लोहानी का आभार जताया।

आज दिनांक 09 अगस्त 2023 को हल्दूचौड़ की आम जनता द्वारा नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हल्दूचौड़ में एकत्रित होकर माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्देश उपरान्त शासन द्वारा तत्काल अस्पताल का संचालन किये जाने हेतु मेडिकल, पैरामेडिकल एवं अन्य आवश्यक स्टॉफ के 24 पद सृजित किये जाने पर खुशी जाहिर करते हुए माननीय उच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया। उम्मीद जताई की जल्द ही अस्तपाल का संचालन भी शुरू कर दिया जायेगा।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रांगण में आयोजित आभार कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए श्री गोविन्द बल्लभ भट्ट (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य) द्वारा अवगत कराया कि अस्पताल का निर्माण पूर्ण होने के उपरान्त भी संचालन प्रारम्भ नहीं हो पाने से क्षेत्रीय जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कई बार शासन-प्रशासन से अनुरोध करने के बावजूद अस्पताल का संचालन प्रारम्भ नहीं किया गया। जिसके उपरान्त उनके द्वारा माननीय हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गयी। जिसका संज्ञान लेते हुए माननीय हाईकोर्ट द्वारा तत्काल अस्पताल का संचालन शुरू करने के निर्देश शासन-प्रशासन को दिये गये।

जिसके फलस्वरूप शासन द्वारा हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में सी.एच.सी. हल्दूचौड़ में 30 बैड के अस्तपाल के संचालन हेतु तात्कालिक रूप से प्रथम चरण में 24 पदों का सृजन किया गया है। जिसमें मेडिकल स्टाफ के 6 पद जिसमें एक फिजिशियन एवं एक महिला चिकित्सक तथा 02 जी०डी०एम०ओ० के पद सृजित किये गये हैं। साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ हेतु 11 पद सृजित किये गये हैं। वहीं एक पद प्रशासनिक एवं 08 पद आउट सोर्सिंग के सृजित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस हेतु स्वास्थ्य महानिदेशक ने हाईकोर्ट में शपथपत्र भी दाखिल कर दिया है। जिसमें अवगत कराया गया है कि अस्पताल में 30 बेड, एवं अन्य आवश्यक समाग्री उपलब्ध करा दी गयी है। साथ ही सेन्चुरी पेपर मिल की ओर से अस्पताल को एक एक्सरे मशीन दी गयी है।

जनता को सम्बोधित करते हुए श्री भट्ट ने कहा कि 2014 में अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था । जनता 109 वर्ष से अस्पताल खुलने की बाट जोह रही थी । परन्तु अस्तपाल निर्माण पूर्ण होने के बाद भी शासन प्रशासन की ओर से इसका संचालन शुरू किये जाने हेतु कोई गंभीरता नहीं दिखाई गयी। परन्तु माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद शासन की नींद खुली है। उन्होंने कहा कि अस्पताल का संचालन शुरू होने भर से जनता की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। वर्तमान में अस्तपाल में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की अस्पताल के संचालन के साथ ही अस्तपाल में आवश्यकता के अनुसार सभी जरूरी संसाधन एवं मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति भी की जायेगी। उपस्थित सभी लोगों ने कहा कि यदि भविष्य में अस्तपाल हेतु प्रस्तावित सभी पदों पर सृजन उपरान्त नियुक्ति नहीं की जायेगी तो क्षेत्रीय जनता इसके लिए आन्दोलन से भी पीछे नहीं हटेगी।

सभा में उपस्थित सभी लोगों ने माननीय हाईकोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि क्षेत्र में अस्पताल खुलने से स्थानीय लोगों को इलाज के लिए हल्द्वानी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। उम्मीद जताई कि अस्पताल के संचालन के साथ ही समस्त स्टॉफ की नियुक्ति शीघ्र करते हुए जरूरी मशीनों एवं दवाईयों की उपलब्धता भी अस्पताल में हो जायेगी। उक्त कार्यक्रम में मोहन चन्द्र भट्ट, आनन्द बल्लभ जोशी, गंगा सिंह परवर, पवन कुमार, जितेन्द्र आर्या, आशीष चन्द्र नियोलिया, उमेश चन्द्र भट्ट, उमा चन्दोला, तारा चन्दौला, जीवन्ती पाठक, भावना पाठक, भुवन चन्द्र आर्या, बहादुर सिंह, प्रीति गरवाल, जितेन्द्र आर्या, धन सिंह, महेश चन्द्र आदि मौजूद रहे।

वहीं समाजसेवी व छात्र नेता पीयूष जोशी ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति, मानवाधिकार आयोग सहित अन्य शिकायती पोर्टलों के माध्यम से सरकार को पत्र भेजें। तब जाकर काम में गति दिखाई दी थी।

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