डीपीआरओ को सितारगंज से जुड़े वाटर कूलर घोटाला में एक लाख रुपये रिश्वत लेना भारी पड़ गया।

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सितारगंज से जुड़े वाटर कूलर घोटाला में रिश्वत मांगना पड़ गया डीपीआरओ को भारी सितारगंज क्षेत्र के गांव में वाटर कूलर लगाने वाले हिमांशु कंस्ट्रक्शन के संचालक ने विजिलेंस से की थी शिकायत

■ नारायण सिंह रावत सितारगंज। ग्राम पंचायतों में वाटर कूलर लगाने के नाम पर घोटाले की जांच दबाने के मामले में ही डीपीआरओ नप गए । सितारगंज क्षेत्र के गांव में वाटर कूलर लगाने वाले हिमांशु कंस्ट्रक्शन के संचालक ने ही इसी मामले की जांच दबाने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए विजिलेंस से शिकायत की थी। सितारगंज क्षेत्र के 17 गांव में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मीनू आर्य ने वाटर कूलर लगाने का ठेका रुद्रपुर की फॉर्म हिमांशु कंस्ट्रक्शन को दिया था।

इस मामले की शिकायत अनिल कंबोज ने विभाग से की थी। पहले मामले की जांच सहायक विकास केसी बहुगुणा ने की। जांच में प्रथम दृष्टि आई तो घोटाला पकड़ा गया था। ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की चहेती रुद्रपुर की फर्म “में हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने कोटेशन में वाटर कूलर का खर्च 125000 प्रस्तुत किया था जबकि उसने बिल 130000 का बनाया। ऐसा कई ग्राम पंचायत में किया गया। ग्राम पंचायत में वाटर कूलर लगाने के लिए विभाग की ओर से टेंडर निकाला गया। इसके लिए सितारगंज की फर्म में हिमांशु कंस्ट्रक्शन में कोटेशन डाला।1 जनवरी 2022 को कोटेशन निकाला गया था। जिसके खुलने की तारीख 6 जनवरी रखी गई थी।

करीब 9 दिन बाद दिनांक 15/01/22 को रुद्रपुर की फर्म में हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने इसके लिए टेंडर डाला। जबकि उक्त कोटेशन दिनांक 06/01/2022 को खोल दिया गया था। जिसमें हिमांशु कांट्रेक्टर ने उस समय कोटेशन नहीं जमा की । ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मीनू आर्या के द्वारा उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली 2017 का उल्लघन कर ठेकेदार को उक्त कार्य दे दिया। मीनू आर्य के पास 17 ग्राम पंचायत का चार्ज है। इनमें करीब 42 लाख की लागत से वाटर कूलर लगे हैं। टेंडर में कोटेशन डालते समय हिमांशु कंस्ट्रक्शन ने जो रेट प्रस्तुत किया उसे ग्राम पंचायत अधिकारी मीनू आर्य ने स्वीकृत कर दिया और उसका भुगतान वाटर कूलर लगाने और कोटेशन डालने की तिथि से पूर्व कर दिया गया। इस मामले की शिकायत ग्राम खैराना निवासी अनिल कुमार कंबोज ने विभाग से की।

जांच में सहायक विकास अधिकारी केसी बहुगुणा ने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी मीनू आर्य से संबंधित वाटर कूलर लगाने के दस्तावेज मांगे। लेकिन वह पूरे दस्तावेज नहीं दिखा सकी। अनिल कुमार ने यह शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता की है। जांच के दौरान इस मामले पर भी मीनू आर्य ने कोई जवाब नहीं दे सकी। जांच में यह भी पता चला है कि हिमांशु कंस्ट्रक्शन का पंजीकरण जीएसटी में वाटर कूलर के लिए नहीं किया गया है। इसके बाद भी हिमांशु कंस्ट्रक्शन की ओर से सिद्धा नवदिया, बलखेड़ा बिडोरा मझोला, ड्यूडी, देवीपुरा एवं अन्य ग्राम पंचायतों में वाटर कूलर लगाने के लिए टेंडर डाले गए। अनिल कुमार द्वारा मांगी गई सूचना में हुआ था।

यह अभी खुलासा हुआ कि जिन वाटर कूलर की कीमत 125000 बताई गई है, बाजार में मात्र 35 से 40000 रुपए कीमत पर उपलब्ध है। इधर हिमांशु कंस्ट्रक्शन के प्रथम दृश्य दोषी पाए जाने के बाद भी जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी इसी मामले में जांच गतिमान होने के बात लगातार कहते रहे।उधर हिमांशु कंस्ट्रक्शन की संचालक शिवानी वर्मा के पति रिंकू वर्मा से उन्होंने इसी मामले की जांच दबाने के लिए ₹100000 रिश्वत मांगी। इसकी शिकायत रिंकू ने विजिलेंस से कर दी और जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश चंद्र त्रिपाठी रंगे हाथ दबोच गए। उनके घर से भी 20 लाख से ज्यादा की नकदी बरामद हुई है।

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