• प्रेस की स्वतंत्रता पर हमलों के खिलाफ़ माले का प्रतिवाद • भगत सिंह चौराहे पर नुक्कड़ सभा और प्रदर्शन किया
मोदी सरकार द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न, प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले के विरुद्ध भाकपा माले के राष्ट्रीय “प्रतिवाद अभियान” के तहत माले कार्यकर्ताओं ने कार रोड स्थित भगत सिंह चौराहे पर प्रदर्शन कर नुक्कड़ सभा की।भाकपा माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, “मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता पर हमला जारी है।
जिन पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है, वे दशकों से निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं और हमेशा से ही सत्ता को आईना दिखाने का काम करते रहे हैं।ऐसे पत्रकारों पर छापेमारी करके केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस इन पत्रकारों को न सिर्फ जनसरोकारों के पक्ष में खड़े रहने के लिए धमकाने की कोशिश कर रही है बल्कि वह, इनसे इतर भी जो पत्रकार जनसरोकारों से जुड़े हैं, उन्हें भी भयाक्रांत करने की कोशिश कर रही है।
इससे साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार देश में केवल अपना गुणगान करने वाला चारण मीडिया चाहता है, जिसे लोकप्रिय तौर पर गोदी मीडिया कहा जा रहा है।”उन्होंने कहा कि, “केंद्र की मोदी सरकार देश में बदलते राजनीतिक घटनाक्रम से भयभीत है और उसी भय में बदले की कार्यवाही के तौर पर पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है।
मोदी सरकार का यह कदम उसके खिलाफ जनता के बढ़ते असंतोष की हताशा से उपजा कदम है। बढ़ती अलोकप्रियता के कारण आसन्न लोकसभा चुनाव में साफ दिख रही मुश्किलों से निपटने हेतु इस तरह के प्रयास मोदी सरकार को अंततः पतन की ओर ही ले जायेंगे।”माले नेता ललित मटियाली ने कहा कि, “विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन के रूप में संगठित होने, उसके बाद पुरानी पेंशन स्कीम के पक्ष में कर्मचारियों का दिल्ली में भारी संख्या में जुटना और बिहार में जातीय जनगणना के परिणामों की घोषणा, वो कारक हैं, जिसके चलते केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह हताश और बदहवास हो गयी है। पत्रकारों, एक्टिविस्टों और स्टैंड अप कॉमेडियनों पर छापेमारी, केंद्र सरकार की इसी हताशा और बदहवासी की अभिव्यक्ति है।
पहले से ही विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 180 देशों में 161 वें स्थान पर है. केंद्र सरकार की इस कार्यवाही के बाद दुनिया भर में प्रेस स्वतंत्रता के मामले में देश की साख और रसातल को जाएगी।हम तत्काल मीडिया की स्वतंत्रता पर हमले की इस कार्यवाही को रोके जाने की मांग करते हैं। धरातल की हलचल के संदेशों को सामने लाने वाले संदेशवाहक मीडिया का शिकार करने के बजाय, मोदी सरकार को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए और इस मुल्क में बीते साढ़े नौ साल से बरपाई गयी तबाही के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।”प्रदर्शन और सभा में मुख्य रूप से डा कैलाश पाण्डेय, ललित मटियाली, विमला रौथाण, गोविंद सिंह जीना, कमल जोशी, प्रमोद कुमार, निर्मला शाही, स्वरूप सिंह दानू, बिशन दत्त जोशी, त्रिलोक राम, आंनद सिंह दानू, खीम सिंह, आदि मुख्य रूप से शामिल रहे।
डा कैलाश पाण्डेय,जिला सचिव, भाकपा(माले)