संरक्षक ही बना भक्षक दृष्टिहीन बच्चों को भी नहीं छोड़ा 60 वर्ष की अवस्था वाले व्यक्ति ने।

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हल्द्वानी। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए गौलापार में संचालित नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (नैब) के संचालक की काली करतूत ने सबको शर्मशार कर दिया है। संस्थान की कुछ नाबालिग छात्राओं ने 60 साल के संचालक श्याम धानक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। मामले में एसएसपी से शिकायत के बाद काठगोदाम पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

हल्द्वानी दमुवाढूंगा बंदोबस्ती निवासी श्याम धानक पिछले लंबे समय से मूकबधिर और दृष्टिबाधित बच्चों की आवासीय संस्था का संचालन कर रहा था। बीते जुलाई माह में संस्थान की छात्रा ने उस पर यौन शोषण का आरोप लगाया था।

जांच में पता चला है कि संचालक श्याम धानक ने बच्चों को इस बात के लिए किसी को ना बताने को कहा था। यौन शोषण का विरोध करने पर मासूमों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें खाना भी नहीं दिया जाता था।

सूत्रों के हवाले पता चला है कि बच्चों के पास कोई मोबाइल फोन कोई भी संचार का साधन नहीं रहता है ।बच्चे अपनी बात कहने के लिए बिना दूसरों के सहारे नहीं कह सकते हैं। इसलिए वहां की बालिकाओं ने किसी तरह किसी के माध्यम से एक पत्र पुलिस को भेजा पत्र के बाद पुलिस ने एक डेढ़ माह के लंबे समय में जांच उपरांत उक्त कृत्य सही पाने के उपरांत ही उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार किया।

नैब संस्थान में अधिकतर बच्चे मूकबधिर और दृष्टिबाधित हैं। वर्तमान में 113 छात्र-छात्राएं इस संस्था में पढ़ाई कर रहे हैं। सभी बच्चे नाबालिग हैं। जांच के बाद पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने शुक्रवार रात संस्था के संचालक श्याम धानक को गिरफ्तार कर लिया।इधर, मामले में संस्था के अन्य बच्चों से भी पूछताछ की जा रही है।

सभी के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376, 504, 354 और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही पुलिस ने पीड़ित नाबालिग का मेडिकल कराने के बाद 164 के तहत बयान भी दर्ज कर लिए हैं।

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