28 जनवरी को टाइगर के हमले में टाइगर के द्वारा मारी गई दुर्गा देवी की मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने सांवल्दे ग्राम में चक्का जाम करके कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला -झिरना जोन में पर्यटकों की आवाजाही पूर्णता ठप कर दी।
जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त पंजाब के पूर्व विधायक विक्रम सिंह मजीठिया को भी वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया।आक्रोशित महिलाओं ने भाजपा सरकार को जंगली जानवरों में हो रही मौत के लिए जिम्मेदार बताते हुए कहा कि यदि कल तक आदमखोर टाइगर को कल तक मारा या पकड़ा नहीं गया तो ग्राम सावल्दे में 11 बजे से चक्का जाम कर दिया जाएगा ।
इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने ढेला रेंज अधिकारी को भी मौके से खदेड़ दिया।धरना स्थल पर सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त संघर्ष समिति के नेता महेश जोशी ने कहा कि विगत 14 दिसंबर को कार्बेट प्रशासन ने धरने पर आकर घोषणा की थी कि आदमखोर टाइगर को पकड़े जाने की अनुमति ले ली गई है परंतु डेढ़ माह बाद भी टाइगर को पकड़ा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि यदि टाइगर को समय रहते पकड़ लिया गया होता तो दुर्गा देवी की जान बच जाती।
उन्होंने कहा कि दुर्गा देवी की मौत के लिए पार्क प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।ललित उप्रेती ने कहा कि उत्तराखंड जानवरों का प्रदेश बन चुका है यहां पर लोग ना तो घर में सुरक्षित है और ना ही घर के बाहर। इंसानों को मार कर जंगली जानवरों को संरक्षित करने की नीति को बदला जाना चाहिए। उन्होंने कल 30 जनवरी को दिन में 11 बजे जनता से ग्राम सावल्दे पहुंचने की अपील की है।धरने में श्यामा देवी, गंगा सुप्याल, रेनू, बसंती मंजू मेहरा, राशिद, सोवन तड़ियाल, ललित पांडे, तुलसी, ललिता रावत, मनोज बेलवाल, समेत कई ग्रामीण थे।