दन्या संवाददाता– गौली गांव के हरजु मंदिर में रामकथा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़। राम कथा के आयोजन के षष्टम दिवस पर बाल्मीक व सप्त ऋषियों के संवाद का श्रवण भक्तों ने व्यास मोहन चंद्र भट्ट के मुखार बिंदु से किया।पूजा अर्चना का प्रारंभ यजमान देवीदत्त पांडे परिवार के द्वारा मूल पाठ करवाया गया।
छः दिनों से चल रहे राम कथा श्रवण कार्यक्रम में भजन कीर्तन के साथ साथ भंडारे व प्रसाद वितरण कार्यक्रम संम्पन हो रहा है।सप्त ऋषि व बाल्मीक के संवाद से भक्तगणों को यह सीख मिलती है कि संसार में जो भी मनुष्य बुरे भले कार्यो को करता है उसका फल उसी मनुष्य को भोगना पड़ता है। बाल्मीकि जी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए लूट पाट करते थे। एक बार उन्होंने जंगल मे सप्त ऋषियों से लूटपाट करने की कोशिश की तभी ऋषियों ने उन्हें समझना का प्रयास किया। लेकिन व माने नही तभी सप्त ऋषियों ने उन्हें अपने घर जाकर अपने द्वारा किये जाने वाले कृत के लिए परिवार के सदस्यों से पूछने का आग्रह किया।
बाल्मीकि सप्त ऋषियों को जंगल में बांधकर घर गए और परिजनों से पूछे जिस प्रकार में लूटपाट कर आप लोगो के भरण पोषण की व्यवस्था करता हूं । इस प्रकार के कार्य के दंड भोगी आप भी बनगे। लेकिन सभी परिजनों ने इस बात से इनकार कर दिया। परिजनों ने बताया हमारी व्यवस्था करना आपका कर्तव्य है। यह सुनकर बाल्मीकि परेशान उदास हो गए और निराश होकर जंगल मे पेड़ से बाधी गयी सप्त ऋषियों की टोली के पास पहुचे और उनके चरणों मे गिर गए। तभी सप्त ऋषियों ने बाल्मीकि जी को राम नाम का उच्चारण करने को कहा लेकिन बाल्मीकि जी अनपढ़ होने से राम नाम शब्द का उच्चारण तक नही कर पाए।
तभी सप्त ऋषियों ने उन्हें राम का उल्टा नाम जाप उच्चारण करवाये।इस नाम को जपते जपते बाल्मीक जी ने रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथ की रचना की।उल्टा नाम जपत जग जाना।बाल्मीक भये ब्रम्ह सामना।। इस मौके मंदिर पुजारी पीताम्बर पांडे, बिसन दत्त पांडे, जग्गनाथ पांडे, गोबिंद पांडे, आनन्द भट्ट, बद्री दत्त पांडे, अम्बा दत्त पांडे, शिरोमणि पांडे,पूरन पांडे, सहित कई भक्तगणों की उपस्थिति रही।