राष्ट्रपति महोदया को नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग– भाकपा-माले

Spread the love

14 मार्च

हल्द्वानी • नागरिकता संशोधन अधिनियम ( सीएए) को वापस लेने की मांग • माले ने राष्ट्रपति महोदया को ज्ञापन भेजा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) कीनैनीताल जिला कमेटी की ओर से माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने भारत गणराज्य की राष्ट्रपति महोदया को सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी के माध्यम से सीएए-एनआरसी-एनपीआर को खारिज किए जाने की मांग पर ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में कहा गया कि, केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम ( सीएए) की नियमवाली की अधिसूचना जारी कर दी गयी है. दिसम्बर 2019 में पास किये गये भेदभावकारी और विभाजनकारी अन्यायपूर्ण नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने वाली नियमावली की अधिसूचना 2024 चुनावों की अधिसूचना आने से ठीक पहले जारी करना एक राजनीतिक साजिश का संकेत है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद सीएए की ‘क्रोनोलॉजी’ समझाते हुए कहा था कि इस कानून को लागू करने के बाद एनआरसी—एनपीआर को देशव्यापी स्तर पर लाया जायेगा जिसके माध्यम से दस्तावेज न दिखा पाने वाले नागरिकों को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर दिया जायेगा. सीएए नागरिकों को धर्म के आधार पर बांटने के मकसद से लाया गया है, जो भ्रामक रूप से गैरमुस्लिम ‘शरणार्थियों’ को नागरिकता देने और मुसलमानों की नागरिकता छीनने, यहां तक कि देशनिकाला देने, तक की बात करता है. लेकिन असम में की गयी एनआरसी की कवायद और देश में जगह—जगह चलाये जा रहे बुलडोजर ध्वस्तीकरण अभियानों से स्पष्ट हो चुका है कि आदिवासियों और वनवासियों समेत सभी समुदायों के गरीब इससे प्रभावित होंग

. देश का लोकतांत्रिक अभिमत और समान नागरिकता एवं संवैधानिक अधिकार आन्दोलन ने सीएए—एनआरसी के पूरे पैकेज को संविधान पर हमला बता कर खारिज कर दिया है. महामहिम, भारत संवैधानिक रूप से एक धर्मनिरपेक्ष देश है.1955 के नागरिकता अधिनियम में भारत का नागरिक होने के लिए धर्म का कहीं जिक्र नहीं था. लेकिन सीएए के जरिये नागरिकता को धर्म से जोड़ा जा रहा है. यह पूरी तरह से आलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी है. देश से बाहर के कुछ धर्मों के उत्पीड़ितों को नागरिकता देने के घोषित उद्देश्य से अधिक यह देश में धर्म विशेष के नागरिकों को उत्पीड़ित करने का औज़ार बनेगा।

अतः न केवल सीएए और उसकी हाल में अधिसूचित नियमावली को बल्कि आगे आने वाले पूरे पैकेज यानि सीएए-एनआरसी-एनपीआर को भी खारिज किए जाने की मांग करते हैं.भाकपा माले जिला सचिव ने इस अवसर पर कहा कि, “धर्म के आधार पर नागरिकता देश की जनता को स्वीकार नहीं है। मोदी सरकार सांप्रदायिक आधार पर सीएए और एनआरसी की इमारत खड़ी करना चाहती है। मोदी सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस संसदीय बहुमत की आड़ में आज वह संविधान की मूल प्रस्थापना ‘धर्मनिरपेक्षता’ से खिलवाड़ कर रही है, उसी की शपथ ले वह सत्ता में विराजमान है। महज चुनावी लाभ के लिए विभाजनकारी नागरिकता अधिसूचना को मोदी सरकार को वापस लेना चाहिए नहीं तो देश की आने वाली पीढ़ियां उसे कभी माफ नहीं करेंगी।”

  • Related Posts

    उत्तराखंड: धराली आपदा में मुख्यमंत्री धामी ने ग्राउंड जीरो का दौरा किया, बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी

    Spread the love

    Spread the love उत्तराखंड: धराली आपदा में बचाव कार्य तेज़, 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया; स्थानीय समुदाय और सेना ने दिखाई अद्भुत एकजुटता देहरादून, 6 अगस्त, 2025 – उत्तराखंड…

    रुद्रपुर बना शूटिंग हब, वेब सीरीज़ ‘TALASH’ का प्रमुख सीन CA जयप्रकाश अग्रवाल के ऑफिस में शूट

    Spread the love

    Spread the love 📰 रुद्रपुर में वेब सीरीज़ ‘TALASH’ की शूटिंग जारी, CA जयप्रकाश अग्रवाल के कार्यालय में फिल्माया गया प्रमुख दृश्य रुद्रपुर।शहर में इन दिनों वेब सीरीज़ ‘TALASH’ की…

    Leave a Reply